रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। करनैलगंज के विशाल रामलीला मैदान में चल रहे रामलीला मंचन महोत्सव के दौरान शनिवार को अंगद पदारोपण एवं मोर्चाबंदी की लीला का मंचन किया गया। जिसको देखने के लिए हजारों की संख्या में दर्शक मौजूद रही।
लीला संचालन एवं मंचन के लिए जबरदस्त व्यवस्था की गई है। इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
शनिवार को मंचित हुई रामलीला में समुद्र पार करने के पश्चात श्रीराम ने एक बार पुनः रावण को समझने के लिए अंगद को दूत बनाकर भेजा।
रावण की सभा में अंगद पहुंचते है और रावण को बहुत समझाते है। परंतु अहंकारी रावण कुछ भी मानने को तैयार नहीं और अंगद ने रावण को चुनौती देते हुए कहा की सभा में कोई भी वीर योद्धा हो तो मेरा पैर हिला कर दिखाए, तो मैं श्रीराम के तरफ से हार मानकर श्रीराम जी सेना सहित अयोध्या वापस लौट जाएंगे।
ये सुनकर रावण की सभा में अनेक वीरों ने पैर उठाने का प्रयास किया परंतु कोई भी पैर को उठाना तो दूर पैर को हिला न सका। ये देख रावण स्वयं पैर उठाने को आगे बड़ा परन्तु अंगद ने कहा पैर छुना है तो श्रीराम के छुओ उसी में तुम्हारा कल्याण होगा और रावण का मुकुट उतार कर अंगद जी रामादल में फेक देते है और अंगद पुनः रामादल की ओर प्रस्थान करते है।
वही ने लंका की मोर्चाबंदी शुरू हो जाती है। उसके बाद श्रीराम व रावण की सेना में युद्ध प्रारंभ हो जाता है। राम की सेना के श्रीराम नाम के उद्घोष से पूरा मैदान राममय हो गया।
लीला संचालक पंडित रामचरित्र महाराज ने लीला का सजीव चित्रण कराया।
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