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मनकापुर:कई कई दिनों विद्यालय से नदारद रहकर थोक में उपस्थित पंजिका पर हस्ताक्षर करती है शिक्षिका


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कृष्ण मोहन 

गोण्डा:शिक्षा व्यवस्था चुस्त दुरुस्त करने के लिए, ज्यादा से ज्यादा नौनिहालों को शिक्षित करने के लिए सरकार भले ही तमाम कोशिशें कर रही है।


लेकिन शिक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर वही सरकार के मंसूबे को चकना चूर करने में लगे रहते है। जी हां हम बात कर रहे है आदरणीय गुरु जी जैसे शब्दों से सुशोभित होने वाले शिक्षकों की।


जो मासूमों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए थोक के हिसाब से कई दिनों लगातार स्कूल से गायब रहते है।

 

मामला मनकापुर शिक्षा क्षेत्र के कल्यानपुर प्राथमिक विद्यालय से जुड़ा है। जहां विद्यालय में तैनात शिक्षिका शर्मिला पटेल अक्सर विद्यालय से हफ्तों तक गायब रहती है। 


मजे की बात यह है कि शिक्षिका विद्यालय से गायब रह कर छुट्टी भी नही लेती है। जिस दिन शिक्षिका का विद्यालय में पुनः उपस्थिति होती है,थोक में रजिस्टर को अपने हस्ताक्षर से सवार देती है। 

 

जिसका विद्यालय प्रधानाध्यापक भी शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है।

  

ग्रामीणों द्वारा सूचना मिली कि विद्यालय कल्याणपुर में तैनात शिक्षिका विद्यालय में बहुत कम आती है। सूचना मिलने पर मीडिया टीम द्वारा दिनांक 29 अक्तूबर को विद्यालय का निरीक्षण किया गया।


तब उपस्थित रजिस्टर में 22,25,28 और 29 तारीख में हस्ताक्षर का कालम खाली था। जबकि बीच के अन्य दिवस में 23 को नरक चतुर्दशी,24 को दीपावली,26 को गोवर्धन पूजा,27 को चित्रगुप्त जयंती की छुट्टी थी। 


इस प्रकार विद्यालय शिक्षिका बिना छुट्टी नदारद थी। मौके पर तीन शिक्षकों के जगह महज दो शिक्षक ही मौजूद मिले। मौके पर मौजूद प्रधानध्यपक अजय गौतम से रजिस्टर दिखाने के लिए उच्चाधिकारियों से शिकायत का दबाव बनाया गया। तब प्रधानाध्यापक ने उपस्थिति रजिस्टर दिखाया। 


जिसमे शिक्षिका शर्मिला पटेल ने लगातार चार दिनों तक रजिस्टर में हस्ताक्षर नहीं किया था,जिसे संवाददाता ने कैमरे में कैद कर लिया । अब शिक्षिका का थोक में हस्ताक्षर करने का इंतजार था। विद्यालय की हकीकत खंगालने के लिए पुनःसंवाददाता ने बीते बुधवार को विद्यालय का दौरा किया। फिर वही प्रक्रिया उपस्थित रजिस्टर की मांग की गई। 


जिसमे शिक्षिका ने थोक के भाव में पिछले दिनों जिसमे वे विद्यालय से नदारद थी उस तारीख का हस्ताक्षर कर दिया था। इस बाबत प्रधानाध्यापक अजय से उनकी जिम्मेदारी उच्चाधिकारियों को सूचित करने की है पूछा गया।जिसका वे समुचित जवाब न दे सके।


बताते चले कि 29 अक्तूबर को शिक्षिका के अनुपस्थित होने की बात खंड शिक्षा अधिकारी मनकापुर से पूछा गया था, तब उन्होंने उक्त आशय की रिपोर्ट प्रधानाध्यापक से मांगने की बात कहकर टाल गए थे। 


लेकिन उन्होंने दस दिनों तक विद्यालय शिक्षिका या प्रधानाध्यापक से किसी भी प्रकार की जवाबदेही नही की। जिससे खंड शिक्षा अधिकारी के मिलीभगत की बू आती है।


इस बाबत शिक्षिका का भी पक्ष जानने के लिए उनसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेडिकल पर थे पर सवाल उठता है कि अगर मेडिकल पर थी तो उपस्थिति रजिस्टर में अंकित होना चाइये था।


इस बाबत बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह से फ़ोन से वार्ता करने पर बताया गया कि आप द्वारा सूचना मिली है। खंड शिक्षा अधिकारी विशाल यादव से जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा जा रहा है।

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