उमापुर में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में साहित्यकारों ने सामाजिक विसंगतियों पर किया प्रहार कुलदीप तिवारी लालगंज, प्रतापगढ़। उमापुर स्थित माँ क...
उमापुर में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में साहित्यकारों ने सामाजिक विसंगतियों पर किया प्रहार
कुलदीप तिवारी
लालगंज, प्रतापगढ़। उमापुर स्थित माँ काली धाम पर बुधवार की रात अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण तथा परवाना प्रतापगढ़ी की वाणी वंदना से हुआ।
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता प्रख्यात ग़ज़लकार राजमूर्ति सिंह सौरभ तथा संचालन गीतकार सुनील प्रभाकर ने किया।
युवा गीतकार सत्येंद्र सिंह सौम्य का बेटियों को समर्पित गीत- गर्भ में मत मारो बेटी को है पुकार मन की, बेटी तो तुलसी होती है अपने आँगन की को लोगों ने खूब दाद दिया।
कवयित्री अर्चना सिंह पढ़ा- राष्ट्रहित के लिए सर्जना के लिए, प्राणियों में नई चेतना के लिए भी सराही गयी। डा. रामसमुझ अकेला की जटायु पर केंद्रित रचना भी पसन्द आयी।
संयोजक कवि डा. अनुज नागेन्द्र ने अपनी अवधी रचनाओं से भारी समर्थन जुटाते हुए पढ़ा- जियरा साँसत मा परा अहइ, निकुरा से उप्पर पानी बा। घर-घर के इहइ कहानी बा।
अवधी के वरिष्ठ कवि निर्झर प्रतापगढ़ी की हास्य कविताओं पर श्रोताओं ने जमकर ठहाके लगाये। उन्होंने सुनाया- तोहरे डर से काँपै गाँव, गली, नाका, जय गुंडा काका।
वरिष्ठ कवि आचार्य अनीस देहाती ने पढ़ा-हरै बाँव मा बीति जिंदगी थामत फटही मोट- केहका देई वोट भैकरा, केहका देई वोट पर भी तालियां बजी। संचालन कर रहे सुनील प्रभाकर ने तो अपनी ग़ज़लों और गीतों से मंच को ऊँचाई दी।
उन्होंने पढ़ा- दर्द की बस्ती में डेरा है क्या किया जाये। हरेक सिम्त लुटेरा है क्या किया जाए। अध्यक्षता कर रहे राजमूर्ति सिंह सौरभ ने अपने दोहों और मुक्तकों से सामाजिक विसंगतियों पर करारा प्रहार किया- सत्य के मुख पे कालिख मली जाएगी, दम्भ में ही मनुजता छली जाएगी।
कवियों को समाजसेवी ओम प्रकाश तिवारी झुन्ना, मिथलेश गुप्ता ने अंगवस्त्रम से सम्मानित किया। नगर पंचायत के चौयरमैन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी ने सभी कवियों को मानपत्र सौंपा।
कार्यक्रम में सांसद प्रमोद तिवारी के मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश, प्रमोद मिश्र, डा. बच्चाबाबू वर्मा, बृजेश द्विवेदी, रामनाथ उमरवैश्य, पवन वैश्य, विजय अनभिज्ञ, सुधीर मिश्र, अतुल पाण्डेय, नोबुल तिवारी, भागवत कथा व्यास पं. शिवम तिवारी आदि रहे।
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