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चुनावी नतीजे बता रहे जनता बीजेपी का ढूंढ रही विकल्प: प्रमोद तिवारी



राज्यसभा सदस्य प्रमोद ने मंहगाई तथा बेरोजगारी पर हमला बोलते हुए कहा कि-शुरू हो गयी भाजपा की उल्टी गिनती

कुलदीप तिवारी 

लालगंज, प्रतापगढ़। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा है कि तीन राज्यो मे हालिया चुनावी नतीजो से यह स्पष्ट हो गया है कि मंहगाई तथा बेरोजगारी को लेकर असफल हुई मोदी सरकार के अब सत्ता से ढलान के दिन आ गये हैं। 


श्री तिवारी ने कहा कि गुजरात मे बीजेपी तथा दिल्ली मे नगर निगम चुनाव मे आम आदमी पार्टी तथा हिमांचल प्रदेश मे कांग्रेस पार्टी की निर्णायक विजय के साथ छत्तीसगढ़, बिहार, उडीसा एवं उत्तर प्रदेश मे हुए उप चुनाव के परिणामों से यह तस्वीर उभरी है कि अब देश का मतदाता बीजेपी का विकल्प ढूंढ रहा है। 


उन्होनें कहा कि इन चुनावों के मिले ताजा परिणामों से यह साफ हो गया है कि भाजपा को उसकी असफलताओं पर जनता को जहां भी जो भी बीजेपी को हराता हुआ दिख रहा है वह उसके साथ खड़ी हो रही है।


 शुक्रवार को रामपुर खास के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रमोद तिवारी लालगंज में विधायक आराधना मिश्रा मोना के कैम्प कार्यालय पर प्रेसवार्ता मे कहा कि तीन राज्यो मे हुए चुनाव मे भाजपा दो राज्यों मे बुरी तरह चुनाव हार गयी है। 


उन्होने बीजेपी पर हमलावर होते हुए कहा कि हिमांचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस पार्टी और दिल्ली के नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी की निर्णायक विजय होना और जनता का इन राज्यो मे बीजेपी के साथ न जाना इस बात का साफ ऐलान है कि अब भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। 


पत्रकारो से बातचीत मे राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने यह भी दावा जताया कि यदि विपक्ष ने मतो के बंटवारे अथवा बिखराव को रोक लिया तो 2024 के लोकसभा चुनाव मे भाजपा निर्णायक रूप से चुनाव हारेगी। 


प्रमोद तिवारी के मुताबिक पिछले चुनाव मे मोदी की अगुवाई मे भाजपा को 31.8 प्रतिशत मत मिला था। वहीं अरसठ प्रतिशत मत बीजेपी के खिलाफ पडा था। 


सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव ने भी कांग्रेस के उस कदम को सही साबित किया कि मतो का बिखराव रोकने के लिए कांग्रेस ने मैनपुरी, रामपुर, खतौली मे अपना उम्मीदवार नही दिया। 


उन्होने कहा कि इन चुनावो मे मात्र एक जगह गुजरात मे बीजेपी की वापसी हुई है। इस पर श्री तिवारी ने कहा कि गणितीय दृष्टिकोण से देखा जाय तो जो भाजपा जहां हिमांचल प्रदेश, दिल्ली और गुजरात में सौ प्रतिशत पर थी। 


बकौल प्रमोद तिवारी अब वहां बीजेपी गुजरात मे भी मात्र तैतीस प्रतिशत पर रह गयी है। हिमांचल प्रदेश एवं दिल्ली की सरसठ प्रतिशत जनता ने उसे नकार दिया है। 


गुजरात मे भाजपा की जीत के पीछे प्रमोद तिवारी ने आम आदमी पार्टी के वोट काटने को जिम्मेदार बताया। प्रमोद तिवारी ने कहा कि गुजरात मे आम आदमी पार्टी ने वोट न काटे होते तो बीजेपी को वहां इतनी बड़ी जीत हासिल नही होती और हिमांचल मे भाजपा पूरी तरह साफ हो जाती। 


कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने यह भी कहा कि हिमांचल प्रदेश मे कांग्रेस की बड़ी जीत इसलिए ज्यादा मायने रखती है कि क्योकि हिमांचल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का प्रदेश होने के साथ पीएम मोदी इसे अपनी कर्मभूमि मानते हैं। 


उन्होने कहा कि गुजरात और हिमांचल प्रदेश के चुनाव की तारीखें अलग अलग घोषित की गयी जिससे इन दोनों राज्यो मे प्रधानमंत्री एवं उनके मंत्रियो और नेताओं को चुनाव प्रचार का भरपूर मौका मिल सके। 


भाजपा के लिए प्रमोद तिवारी ने बेहद तकलीफदेह बताया कि पीएम ने हिमांचल मे जनता से खुद के चेहरे पर वोट मांगा फिर भी हिमांचल की जनता ने मोदी के मंहगाई व बेरोजगारी तथा कई राष्ट्रीय उद्यमों के बेंचीकरण के खिलाफ उसके कुशासन से परेशान होकर ही भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया। 


इसके पहले सांसद प्रमोद तिवारी ने कैम्प कार्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। वहीं उन्होनें यहां पहुंचे लोगों की समस्याआंे की भी सुनवाई करते हुए समाधान कराए जाने का भरोसा दिलाया। 


चकौड़िया गांव पहुंचकर प्रमोद तिवारी ने समाजसेवी श्रीकान्त पाण्डेय के आकस्मिक निधन पर परिजनो से मिलकर संवेदना प्रकट की। 


इस मौके पर चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी, मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल, प्रतिनिधि आशीष उपाध्याय, पूर्व प्रमुख ददन सिंह, रामलखन जायसवाल, छोटे लाल सरोज, महमूद आलम, प्रवीण मिश्र, अजय सिंह, अंजनी अमोघ, पप्पू तिवारी, कुंवर ज्ञानेन्द्र सिंह, सत्येन्द्र सिंह, जयसिंह, पप्पू सिंह, धीरेन्द्रमणि शुक्ल, राजेश गुप्ता, दिनेश सिंह, शिवाकांत मिश्र, सर्वेश मिश्र, उदयराज पाल, रिक्की भारती, घनश्याम मौर्या, रामपाल यादव, इरशाद खान, पं. रामआसरे द्विवेदी, भरत सिंह, विन्देश्वरी दुबे, बैजनाथ सरोज, पप्पू सोनी, शास्त्री सौरभ, विनय पाण्डेय, मुरलीधर तिवारी, मुन्ना शुक्ला आदि रहे।

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