रजनीश/ ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। करनैलगंज नगर के रामलीला मैदान में चल रहे दस दिवसीय श्रीराम कथा महोत्सव के दौरान कथावाचक पंडित रमेश जी शुक्ल ने भगवान राम व केवट संवाद तथा हनुमान जी के मिलन की कथा को विस्तार से कहा। करनैलगंज की इस संगीतमय श्रीराम कथा महोत्सव से शाम होते ही पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो जाता है।
कथावाचक से श्रीराम कथा सुनने के लिए नगर के अलावा दूर दराज इलाकों गोंडा, बहराइच व बाराबंकी से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में आ रहे है। कथा में भगवान श्रीराम के वनवास व केवट प्रेम की कथा बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत की गयी।
इस दौरान कथा वाचक के साथ श्रद्धालु भक्ति भावना में लीन होकर कथा का आनन्द लेते नजर आये। कथा के दौरान कथावाचक ने कहा कि केवट ने समर्पित भाव से श्रीराम के पैर धोए थे। उन्होंने कहा कि परिवार को चलाना आसान नही होता। जब कोई भी व्यक्ति अपना अपना देखता है तो घर विखर जाता है।
जब दूसरों को भी देखता है तो घर स्वर्ग बन जाता है। बाल्यकाल में जो संस्कार मिलते हैं वो जीवन पर्यन्त रहता है। जीवन में हमेशा सफलता नम्रता के बाद आती है, इसलिए इंसान को घमंडी नहीं, विनम्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वन गमन के समय गंगा नदी पार करने के लिए भगवान केवट से मिले, भगवान को साक्षात सामने पाकर अपनी कथा सुनाई।
उसने प्रभु से कहा कि जब तक आप मुझसे अपने चरण नहीं धुलवाएंगे तब तक मैं आपको नदी पार नहीं कराऊंगा। भगवान को विवश होकर केवट से चरण धुलवाने पड़े। भगवान के चरण पकड़ने का अवसर केवट को प्राप्त हुआ।
उन्होंने श्रोताओं से कहा कि जब हम अपने जीवन मात्र में अपने योगदान के बारे में देखेंगे और भगवान श्रीराम पर दृष्टिगत करेंगे तो अनुभव करेंगे कि अपने जीवन में हमारा योगदान शून्य है, हम सभी को अपनी योग्यता बढ़ानी होगी। विषम परिस्थितियों में कष्टों को झेलने को देखने का प्रयास करना चाहिए।
श्रेष्ठता प्राप्त करने का यह प्रथम सोपान है। उसके बाद प्रभु राम व हनुमान जी के मिलन की मार्मिक कथा को सुनकर श्रद्धालुओं के जयकारे गूंजे। कार्यक्रम के अंत में आरती में भी भारी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।
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