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ठंड की जटिल समस्याओं को योग से करें छूमंतर



बीपी त्रिपाठी 

गोंडा 8 जनवरी। ठंड के मौसम में सेहत को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है, तापमान गिरने के कारण कई प्रकार की दिक्कतों के ट्रिगर होने का जोखिम रहता है। 


इस मौसम में अस्थमा और सांस की समस्याओं से परेशान लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इसी क्रम में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के तत्वावधान में आवास विकास स्थित प्रेरणा पार्क में योगाचार्य सुधांशु द्विवेदी द्वारा अस्थमा एवं हृदय रोगियों के अच्छे स्वास्थ्य लाभ हेतु एक विशेष योग शिविर का आयोजन किया गया ।


 उन्होंने बताया कि ठंडी, शुष्क हवा और मौसम में अचानक बदलाव आपके वायुमार्ग के लिए समस्याओं को बढ़ा देती है, जिससे अधिक बलगम पैदा हो सकता हैं। जिन लोगों को पहले से ही अस्थमा व  हृदय रोग जैसी स्वास्थ सम्बन्धी समस्या है।उनको और भी अलर्ट रहना चाहिए।


योगाचार्य ने बताया कि अस्थमा ट्रिगर होने पर सांस लेने में कठिनाई महसूस होने लगती है, ऐसे में इसके ट्रिगर होने से बचाने वाले उपाय करते रहना बहुत आवश्यक है। जैसे कि दिनचर्या में कुछ प्रकार के योगासनों को शामिल करके अस्थमा और सांस की अन्य जटिलताओं को कम किया जा सकता है।



 इसी क्रम में योगाचार्य सुधांशु द्विवेदी ने विशेष रूप से योगासन विशेषकर प्राणायाम के अभ्यास से अस्थमा एवं हृदय रोग की समस्या में लाभ पाया जा सकता है। वायुमार्ग को साफ करने और सांस की जटिलताओं को कम करने के लिए सूर्यभेदी प्राणायाम,अनुलोम विलोम, कपालभाति और भस्त्रिका प्राणायाम किया जाता है।


 ये अभ्यास आपके फेफड़ों की ताकत और सहनशक्ति को बढ़ाने में मददगार हैं। श्वसन विकारों में प्राणायाम का अभ्यास विशेष लाभकारी माना जाता है।अंत में योगाचार्य ने सभी लोगों को अपनी दिनचर्या में योग को अनिवार्य रूप से शामिल करने की सलाह दी।



अस्थमा एवं हृदय रोग से बचाव के लिए क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ प्रदीप शुक्ला ने बताया ।

 यदि आपको अस्थमा या हृदय रोग की दिक्कत है, तो इसे ट्रिगर होने से बचाने के लिए दवाइयों के साथ जीवनशैली को ठीक रखना भी आवश्यक है। सर्दियों के मौसम में शुष्क हवा के कारण यह खतरा बढ़ सकता है।


 अस्थमा से बचाव के लिए धूम्रपान छोड़ें और बाहर जाते समय मास्क पहनें। ठंड के मौसम में हीटर के सामने भी बहुत देर बैठने से भी सांस की दिक्कतें बढ़ सकती हैं, इसलिए बचाव पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

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