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महाराजगंज: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मशीन होते हुए भी जांच नहीं



उमेश तिवारी

महराजगंज। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सीबीसी यानी कंपलीट ब्लड काउंट जांच की सुविधा नहीं है। इससे निजी पैथोलॉजी सेंटरों की चांदी है। प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से कम से पांच मरीज सीबीसी जांच कराते हैं। कुल मिलाकर 70 मरीजों की जांच के लिए निजी सेंटर पर जाना पड़ता है। चार माह पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मशीनें भेज दी गईं लेकिन उसमें प्रोग्राम नहीं भरा गया। मशीनें संचालित नहीं हो रहीं हैं। स्लाइड से होने वाली जांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हो रही है।


जानकारी के अनुसार, जिले में 14 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। सभी सीएचसी में पैथोलॉजी संचालित हैं। लैब टेक्नीशियन के अलावा जरूरी मशीनें हैं। सीबीसी एनलाईजर, ईएसआर एनेलॉइजर, यूरिन एनेलाइजर मशीन, बाॅयोकमेस्ट्री मशीन चार माह पहले ही भेज दी गई है। लेकिन मशीन में प्रोग्राम अपडेट नहीं है। किसी मरीज को सीबीसी कंपलीट ब्लड काउंट की जांच करानी है तो नहीं हो सकेगी। मरीजों को बाहर ही इलाज के लिए जाना पडेगा।


मोहनापुर के राजेंद्र ने बताया कि अस्पताल में जांच की सुविधा नहीं रहने के कारण जांच कराने में 1,000 रुपये खर्च हो गए। खोन्हौली के राजेंद्र ने बताया कि जांच की सुविधा नहीं रहने से परेशानी हुई। निजी सेंटर पर जांच करानी पड़ी। शीतलापुर के राधे यादव ने बताया कि सीएचसी में जांच नहीं हुई तो बाहर रकम देकर जांच करानी पड़ी।


मशीनें पहुंचीं संचालित नहीं


सदर सीएचसी अधीक्षक डॉ. केपी सिंह ने बताया कि सदर में एक मशीन छोड़कर सभी मशीनें संचालित हैं। यूरिन ऐनलाइजर क्रियाशील नहीं है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घुघली के अधीक्षक डॉ. अमित विक्रम ने बताया कि चार माह पहले मशीनें मिली हैं, लेकिन संबंधित संस्था की ओर से शुरू नहीं किया गया है। स्लाइड से जांच होती है। परतावल के अधीक्षक डॉ. राजेश द्विवेदी ने बताया कि मशीनें मिली हैं लेकिन शुरू नहीं हो सकी हैं।


क्या होती है सीबीसी जांच

सीबीसी यानी कंपलीट ब्लड काउंट एक सामान्य ब्लड टेस्ट है। इससे तमाम बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। इस जांच के जरिए मुख्य रूप से रक्त में मौजूद व्हाइट ब्लड सेल्स, रेड ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स की काउंटिंग की जाती है। रक्त में मौजूद कई अन्य स्तर की जानकारी मिलती है। सामान्य तौर पर डॉक्टर स्वास्थ्य स्थिति को जानने के लिए सीबीसी टेस्ट करवाते हैं।


इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 नीना गुप्ता ने कहा कि पैथोलॉजी में सीबीसी एनेलाइजर के अलावा इससे जुड़ीं अन्य मशीनें भेजी गईं थीं लेकिन रिजेंट दिसंबर में भेजा गया। कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अगर कहीं मशीन संचालित नहीं है तो जल्द संचालित करा दी जाएगी।

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