Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

संस्कृत विद्वान प्रो. कामता प्रसाद को मिला महर्षि बाल्मीकि पुरस्कार, खुशी



कुलदीप तिवारी 

लालगंज, प्रतापगढ़। क्षेत्र के अगई गांव निवासी संस्कृत विद्वान प्रो. कामता प्रसाद त्रिपाठी पीयूष को 2021 का महर्षि बाल्मीकि पुरस्कार मिलने की जानकारी पर शनिवार को यहां प्रबुद्धजनों में खुशी की लहर देखी गयी। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ स्थित इंदिरा कला-संगीत विश्वविद्यालय के पूर्व कार्यकारी कुलपति रहे प्रो. कामता प्रसाद को उनकी पुस्तक शाश्वती पर उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा पुरस्कार स्वरूप महर्षि बाल्मीकि पुरस्कार के तहत दो लाख एक हजार रूपये की सम्मान राशि दिये जाने की घोषणा की गयी है। इसके पहले भी प्रो. कामता प्रसाद त्रिपाठी को छत्तीसगढ़ तथा मध्य प्रदेश में सरकारों और साहित्यिक संस्थानों द्वारा उनकी पुस्तकों पर कई पुरस्कार मिल चुकें हैं। प्रो. पीयूष द्वारा रचित पुस्तकें रामभद्रोदभवम्, कर्माराधना, बर्फानी चालीसा आदि पुस्तकें भी साहित्य के क्षेत्र में पाठकों की पसन्दीदा मानी जाती हैं। यह जानकारी होेने पर शनिवार को यहां प्रबुद्धजनों मे प्रसन्नता देखी गयी। पूर्व प्राचार्य डॉ. डीपी ओझा, प्रो. डॉ. शिवमूर्ति शास्त्री, डॉ. शक्तिधरनाथ पाण्डेय, वरिष्ठ साहित्यकार विशालमूर्ति मिश्र, हिन्दी मित्र संघ के संयोजक ज्ञानप्रकाश शुक्ल, डॉ. अनुज नागेन्द्र, प्रधानाचार्य सुनील कुमार शुक्ल, पूर्व प्राचार्य दयाशंकर पाण्डेय, धर्माचार्य विनय शुक्ल, प्रधान संघ के पूर्व अध्यक्ष बीएन सिंह, चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी, आचार्य देवानंद मिश्र, साहित्यकार अनूप प्रतापगढ़ी, अंजनी अमोघ, हरि बहादुर सिंह हर्ष, परवाना प्रतापगढ़ी, संतोष सिंह संतोष आदि ने प्रो. कामता प्रसाद त्रिपाठी के इस सम्मान को प्रतापगढ़ जिले के लेखन और विद्वता के लिए एक और गौरवपूर्ण उपलब्धि कहा है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 

Below Post Ad

5/vgrid/खबरे