उमेश तिवारी
महराजगंज:बेहतर इलाज के आस लिए लोग निजी अस्पताल में जाते है ताकि उनके मर्ज का अच्छे और बेहतर ढंग से इलाज हो सके। इसके लिए उन्हें अच्छी खासी रकम भी चुकानी पड़ती है लेकिन जेब ढीली करवाने के बाद भी उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जाता है।
नगर के एक वार्ड की रहने वाली मंजू देवी उम्र 39 वर्ष को पेट की समस्या थी। मरीज दवा कराने नगर के निजी अस्पताल एसबी हॉस्पिटल पहुंचती है। वहाँ पेट की मर्ज के लिए मरीज का वाइडल टेस्ट करवाया जाता है। और जो दवाई दी जाती है उसमें 1 दस टैबलेट की दवा एक्सपायर रहती है।
मरीज मंजू देवी को लेकर गए युवक महेंद्र ने बताया कि अस्पताल पर मौजूद डॉक्टर ने उनकी प्राथमिक चेकअप के बाद इसी अस्पताल पर ही उनके मरीज का वाइडल और सीबीसी जांच किया और चार दवाएँ दीं जिसमे से एक दवा एक्सपायर है। इस तरह की लापरवाही अगर होती रही तो कभी भी किसी की जान जा सकती है।
हालांकि गनीमत यह रही कि मरीज ने दवा खाने से पहले दवा की एक्सपायरी डेट चेक कर ली। और दवा नही खाया। इसके बाद मरीज के परिजन काफी डरे हुए थे। उनका कहना है कि ऐसे ही निजी अस्पताल के लोग किसी की जान ले लेते है।
जब यह खबर आम हुआ तो अस्पताल के जिम्मेदारों का हाथ पांव फूलने लगा और कोई भी बोलने को तैयार नहीं था।
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