Devaki Vasudev's wedding leela was staged on the first day of Rasleela
आयुष मौर्या
धौरहरा खीरी। तुलसीदास की कर्म स्थली राम वाटिका धाम में शुरू हुए संत श्री तुलसीदास महोत्सव एवं 27 लक्ष श्रीरामनाम महायज्ञ एवं विशाल संत समागम श्री कृष्ण रासलीला एवं रामलीला मे पहले दिन हजारों लोगों ने शनिवार की सुबह पहुंचकर यज्ञ में आहुतियां डाली वैदिक मंत्रोच्चार के बीच आहुतियां देने के साथ ही यज्ञ स्थल की परिक्रमा की। शुक्रवार की रात को रासलीला में देवकी वसुदेव विवाह प्रसंग व कृष्ण जन्म लीला का मंचन किया गया। मंचन देखने के लिए धौरहरा सहित आसपास गांव के लोग पहुंचे। लीला की शुरुआत राधा कृष्ण की आरती से हुई। कार्यक्रम आयोजक भगवती प्रसाद अग्रवाल ने बताया तुलसीदास की कर्म स्थली राम वाटिका धाम में श्रीरामनाम महायज्ञ और रासलीला की शुरुआत कलश यात्रा के साथ हो गई है सुबह वैदिक मंत्रोच्चार के बीच लोगों ने यज्ञ में आहुतियां दी और यज्ञ स्थल की परिक्रमा की इसके बाद शाम को रामलीला का आयोजन किया गया जिसमें वृंदावन धाम से आए कलाकारों ने रामलीला मे नारद मोह लीला का मंचन किया। लीला देखकर जयकारों से पूरा प्रांगण गूंज उठा। रात्रि मे कलाकारों के द्वारा देवकी वसुदेव का विवाह लीला का सजीव मंचन किया गया जिसमें कंस अपनी बहन का विवाह अपने मित्र वसुदेव के साथ कर देता है। और उसे विदा करने के लिए स्वयं भेजने के लिए निकलता है तभी आकाश वाणी होती हैं कि ऐ कंस तू जिस बहन देवकी को छोड़ने जा रहा है इसी बहन का आठवां पुत्र तेरा काल होगा। इतना सुनकर कंस अपनी बहन को कारगार में डाल देता है। देवकी के आठवें पुत्र के रूप में श्री कृष्ण जन्म लेते हैं। वसुदेव श्रीकृष्ण को नंदगांव मे यशोदा नंद बाबा के घर छोड़ आते है नंद बाबा के घर कृष्ण के जन्म लेने से पूरे नंदगांव में बधाई बजने लगी। जयकारों से पूरा पंडाल गूंज उठा नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की। रासलीला में मयूर नृत्य व झांकी दिखाई गई। सुबह महायज्ञ दोपहर में रामलीला का मंचन और रात में रासलीला का मंचन किया जा रहा है।
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