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बलरामपुर:हर्बल फार्मूला हुआ पेटेंट, गवर्नमेंट ने दी मंजूरी




अखिलेश्वर तिवारी 

 जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय के एमएलकेपीजी कॉलेज में वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ राजीव रंजन तथा उनकी टीम का एक और फार्मूला पेटेंट घोषित किया गया है । 

            एमएलके पीजी कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ राजीव रंजन तथा उनके टीम द्वारा खोजे गए “ए नोवल ऑर्गेनिक हर्बल कंपोजिशन फॉर द ट्रीटमेंट ऑफ म्यूकोर्मिकोसिस इन इम्यूनोकॉम्प्रोमाइज्ड पेशेंट” विषयक हर्बल संयोजन को मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने पेटेंट करके महाविद्यालय को गौरव प्रदान किया है।  यह पेटेंट  इम्यूनोकॉम्प्रोमाइज्ड रोगियों में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए एक नवीन जैविक हर्बल संयोजन है, जिसमें प्राकृतिक पौधों के अर्क और आवश्यक तेलों का कॉन्बिनेशन शामिल है।  यह हर्बल संयोजन एंटीफंगल, जीवाणु रोधी और इम्यूनोमोड्यूलेटरी गुणों से युक्त है। इस हर्बल संयोजन के द्वारा प्रतिरक्षा में अक्षम रोगियों में ब्लैक फंगस के विकास और प्रसार को कम करने के लिए आवश्यक तत्व विद्यमान हैं।  इस हर्बल संयोजन को टेबलेट, कैप्सूल, क्रीम, पाउडर, लोशन, बाम या इनहेलर के माध्यम से दिया जा सकता है। यह उपचार एंटीफंगल दवाओं से सस्ता और अधिक प्रभाव कारी है।  यह एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है जो रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया में सहायता करने में सक्षम है। इस महत्वपूर्ण संयोजन को विकसित करने में डॉ अवनीश कुमार सिंह,  डॉ सोनिया खूबचंदानी, डॉ एम टी बसु,  प्रीति शर्मा,  डॉ वाणी अग्रवाल,  डॉ प्रदीप कुमार,  डॉ राजीव रंजन  व  मधु स्मिता साहू की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रतिरक्षा प्रणाली को  दृण बनाने वाले बनाने वाले इस संयोजन में अपनी भूमिका से डॉ राजीव रंजन ने महाविद्यालय के इतिहास में एक नए अध्याय की सर्जना की है जिसमें वे पेटेंट


पर पेटेंट कराते जा रहे हैं। राजीव रंजन विज्ञान के क्षेत्र में इस महाविद्यालय का नाम ऊंचा कर रहे हैं, उनकी इस उपलब्धि से महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर जे पी पांडे ने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की है और इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए डॉ राजीव रंजन को प्रशंसाभरित शब्दों में बधाई दी है।  महाविद्यालय का समस्त शैक्षिक परिवार उनकी  इस उपलब्धि से गौरवान्वित हो रहा है।  उनकी इस उपलब्धि के लिए महाविद्यालय के  डॉ अशोक कुमार, डॉ मोहम्मद अकमल,  डॉ शिव महेंद्र सिंह,  डॉ सद्गगुरु प्रकाश,  डॉ आलोक शुक्ला, डॉ आकांक्षा त्रिपाठी, राहुल कुमार, राहुल यादव, श्रवण कुमार,  डॉक्टर  अल्पना परमार,  डॉ आर बी त्रिपाठी, अजय श्रीवास्तव, विपिन कुमार,  राशि  सिंह, सौम्या शुक्ला,  धर्मेश अत्यंत प्रफुल्लित हैं और स्वयं को गौरवान्वित मान रहे हैं।  उनकी यह उपलब्धि इस क्षेत्र के लिए विशेष महत्वपूर्ण है और  चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई उपलब्धि साबित होगी ।

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