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मनुष्य के सत्कर्म का प्रतिफल है भगवान् की कथा का श्रवण:पं.विनोद शुक्ल

 


पूरे गुरूबक्श मे भागवत कथा में बही ज्ञानगंगा की रसधार

 कुलदीप तिवारी

लालगंज, प्रतापगढ़। बाबा घुइसरनाथ धाम के समीप भोजपुर पूरे गुरूबक्श गांव मे हो रही श्रीमदभागवत कथा ज्ञान यज्ञ मे शुक्रवार की शाम समापन संध्या मे श्रद्धालुओ का जमावडा दिखा। कथाव्यास कुलगुरू डा. विनोद कुमार शुक्ल ने कहा कि भगवान की कथा के श्रवण का सौभाग्य मनुष्य के सत्कर्म मे निहित हुआ करता है। उन्होने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा से मैत्री के पवित्र ध्येय को परिभाषित करते हुए यह निरूपित किया कि भक्त की निर्मल श्रद्धा सदैव सर्वश्रेष्ठ है। उन्होने बताया कि भगवान द्वारिकाधीश ने अपने मित्र सुदामा की भक्ति साधना की तपस्या को फलीभूत करते हुए जीवन की संतुष्टि को ही सुफल भी ठहराया। कथाव्यास ने लोगों से कहा कि लालसा को त्याग कर जीवन को संतुष्ट भाव से जीते हुए सदैव सत्कर्म और परोपकार मे निहित रखना चाहिए। कथा मे पधारे पं. रामप्रकाश तिवारी ने श्रीकृष्ण एवं सुदामा के मैत्री परिदृश्य का वर्णन कर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कथा के संयोजक हरिहर नाथ तिवारी एवं शोभा तिवारी ने कथाव्यास का श्रीअभिषेक किया। सह संयोजक अरूण तिवारी सोनू ने कथाव्यास एवं सत्संग मण्डल के लोगों को अंगवस्त्रम तथा माल्यार्पण कर आयोजन समिति की ओर से सम्मानित किया। सह संयोजक जय प्रकाश तिवारी, प्रेमप्रकाश तिवारी ने श्रद्धालुओं का रोली अभिषेक किया। इस मौके पर पं. कैलाशपति मिश्र, सुरेन्द्र शुक्ल, डा. शीतला प्रसाद तिवारी, शम्भूनाथ तिवारी, देवी प्रसाद शुक्ल, श्याम नारायण मिश्र, छोटे लाल मिश्र, केसरीनंदन शुक्ल, तारा तिवारी, पंकज शुक्ल, पूर्व बीडीसी ज्ञानप्रकाश शुक्ल, केबी सिंह, संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश, प्रमोद शुक्ला, सुनील तिवारी आदि रहे। वहीं भागवत कथा को लेकर शनिवार को वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य हुए हवन पूजन मे भी श्रद्धालु भावविभोर दिखे।

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