रमेश कुमार मिश्रा
गोण्डा:पुलिस अधीक्षक के आदेश पर मुख्यालय स्थित एक निजी अस्पताल के चिकित्सक व स्टाफ के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।
गोण्डा नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला शास्त्री नगर निवासी मुजीब आलम पुत्र स्व• अमानउल्ला ने अपने साली के इलाज के दौरान लापरवाही वा गलत ढंग से इलाज करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करवाया है।
क्या है पूरा मामला
पीड़ित ने दिए गए तहरीर में कहा है कि 19 दिसंबर 2022 को अपनी साली सायबा खुरशेद पत्नी मुश्ताक खां दिग्विजय सिंह मेमोरियल सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल को लाया था।जहाँ डॉ डीएन सिंह द्वारा 15 दिन पूर्व एक इंजेक्शन ल्यूप्रोडेक्स दिया था, जिसे बताया था कि 15 दिन बाद आना। इसी बीच सारी जांच अपने हास्पिटल और होप डायग्नोस्टिक सेन्टर से एक्स-रे और ईसीजी भी करा लिया। सारी रिपोर्ट नार्मल थी।
फोन करके मरीज को वापस बुलाया
दूसरे दिन सुबह अस्पताल से फोन करके वापस बुलाया कि यूटरस में गांठ है , मरीज को जल्दी लेकर आओ गांठ निकाल देंगे।पीड़ित की साली और सायबा खुरशेद की माँ दोनों लोग साथ में हास्पिटल पहुंचे, डाक्टर ने एक यूनिट खून मंगवाया, जिला अस्पताल से खून लेकर आने के दौरान आप्रेशन हो चुका था।
ऑपरेशन के बाद बिगड़ी तबीयत
आपरेशन से बाहर सिफ्ट करने के बाद उसे काफी दर्द हो गया। पीड़ित को यह भी मालूम नहीं कि एनेस्थिया के डाक्टर आये या नहीं, या खुद इन लोगों ने इजेक्शन लगा दिया, मरीज दर्द से काफी कराह रही थी। उसके बाद में दो तीन घण्टे बीत जाने के बाद सायबा की तबीयत ज्यादा बिगडने लगी,
उस बीच डाक्टर अपने आपरेशन में ही व्यस्त थे, रात्रि को दस बजे थोड़ी देर के लिए आये उसके बाद चले गये। इनके सहयोगियों ने ब्लड और ग्लूकोज बोतल जो फ्रीजर में रखा था, उसे ला करके मरीज को 5-10 मिनट के अन्दर चढ़ा दिया। मरीज को जैसे ही ब्लड व ग्लूकोज की मात्रा चढी, मरीज को थरथराहट व मुंह से झाग आने लगा।
तड़फता रहा मरीज , सोते रहे डॉक्टर
इनके सहयोगी ने आ करके एक-दो इंजेक्शन नींद वगैरह की दे करके बताया कि कोई दिक्कत नहीं है, सुन्न वाली सुई से दिक्कत होती है, अभी सही हो जायेगा, उसके बाद परिजन ने कहा कि डॉ डीएन सिंह को बुलाया, तो यह चुपके से निकल कर घर भाग गये। डॉ का सहयोगी फोन करता रह गया, लेकिन नहीं आये। रात्रि के तीन बजे पीड़ित के परिजन जब हास्पिटल पहुंचे, तब इनके सहयोगी द्वारा मरीज को इंजेक्शन दे करके कहा गया कि ठीक है, कोई दिक्कत नहीं है, सहयोगी ने फिर फोन किया. किन्तु डाक्टर नहीं आये।
मरीज की मौत
नीद पूरी कर घर से अस्पताल लौटे डॉक्टर ने मरीज को मृत घोषित करते हुए परिजनों को सूचना दी। मामले में पीड़ित का आरोप है कि फ्रिजर में रखा हुआ ब्लड चढ़ाने,वा स्टाफ के लापरवाही से मरीज की मौत हुई है।
मुकदमा दर्ज
पीड़ित के तहरीर पर नगर कोतवाली पुलिस ने डॉ डीएन सिंह सहित अस्पताल स्टाफ के विरुद्ध 337,338 और 304 A के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दिया है।
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