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गोंडा: पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज कराने वाले अधिवक्ता की सड़क हादसे में मौत




मृतक के भाई ने रंजिश के तहत इस हादसे को अंजाम देने की जताई आशंका

पं. बागीश कुमार तिवारी

गोण्डा।कोतवाल सुधीर सिंह समेत सात पुलिसकर्मियों के विरुद्ध डकैती व अन्य मामले में विभिन्न गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराने वाले अधिवक्ता की सोमवार की सुबह गोंडा-लखनऊ राजमार्ग पर बाराबंकी के मसौली के बिंदौरा नहर पुल पर संदिग्ध परिस्थितियों में सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गयी। 

 


एक पखवाड़े पूर्व कर्नलगंज के कोतवाल सहित सात पुलिसकर्मियों पर डकैती सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने वाले अधिवक्ता की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई। 



यह दुर्घटना बाराबंकी जिले के मसौली थाना क्षेत्र के पास गोंडा बहराइच राजमार्ग पर हुई। घटना की सूचना गांव पर पहुंचते ही पूरे गांव में मातम छा गया। वहीं परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।




गोंडा जिले के कर्नलगंज कोतवाली के गांव कैथोली निवासी जयप्रकाश पुत्र मुन्ना लखनऊ हाई कोर्ट में अधिवक्ता थे। पड़ोसी से इनका जमीनी विवाद चल रहा था। 



इस मामले में एक बार दीवानी से स्टे भी हुआ था। बाद में पैरबी ना होने के कारण विपक्ष का स्थगन आदेश खारिज हो गया। 



उसके बाद अधिवक्ता एसडीएम के आदेश से अपने मकान का निर्माण करने लगा। बताया जाता है कि इस आदेश में एसडीएम कर्नलगंज ने विवादित परिसर छोड़कर निर्माण कराने के आदेश दिए थे। 


उसके बाद अधिवक्ता ने निर्माण कराना शुरू किया। इसी मामले को लेकर अधिवक्ता के पड़ोसी ने पुलिस में शिकायत किया था। 



शिकायत को देखने कर्नलगंज कोतवाल और भभुआ  चौकी इंचार्ज अपने दल बल के साथ मौका देखने गए थे। 


अधिवक्ता का आरोप है कि भभुआ चौकी इंचार्ज और कोतवाल 50 हजार रुपए की मांग कर रहे थे। ना देने पर परिवार और मेरे साथ पुलिसकर्मियों ने मारपीट किया। तथा घर में छत डालने के लिए रखे पैसे उठा लाए। 



उल्टे मुकदमा लिख कर अधिवक्ता और उसके साथी को जेल भेज दिया। इस पूरे प्रकरण को लेकर अधिवक्ता ने मानवाधिकार आयोग शिकायत दर्ज कराई थी। 



आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कोतवाल सहित सात पुलिसकर्मियों पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। 



आयोग के निर्देश पर कटरा थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया था। मामला पुलिस से जुड़ा होने के नाते इसकी तेजी से विवेचना हुई। और मुकदमा विवेचना के दौरान फर्जी पाए जाने पर स्पंज कर दिया गया। 


मामला पुलिस से जुड़ा होने के कारण मीडिया की सुर्खियों में रहा।



अधिवक्ता की गोंडा- लखनऊ राजमार्ग पर मसौली के पास सड़क दुर्घटना में हुई मौत



अधिवक्ता जयप्रकाश यादव रविवार को अपने घर आए थे। और हमेशा की भांति अपने बाइक से सोमवार की सुबह घर से निकले थे। घर से लखनऊ जाते समय बाराबंकी जिले के मसौली थाना क्षेत्र के पास सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। 



बताया जाता है कि सामने से आ रहे किसी वाहन ने उन्हें ठोकर मार दिया। ठोकर मारने के बाद संबंधित वाहन मौके से फरार हो गया। घटना की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। 



इस संबंध में मसौली थाने के एसआई  अजोर मिश्रा ने बताया कि अधिवक्ता की हाईवे पर नहर पुल पर दुर्घटना हुई है। सूचना पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। 



आसपास के लोगों ने बताया कि ट्रक ने ठोकर मार दिया था। फिलहाल ट्रक मौके से फरार हो गया है। अधिवक्ता की बाइक थाने पर रखवा दी गई है। अन्य विधिक कार्रवाई की जा रही है।



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