Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

कंटीले तार भी नहीं कर पा रहे फसलों की आवारा पशुओं से सुरक्षा



खेतों में झोपड़ी बनाकर फसलों की सुरक्षा कर रहे किसान 

क्षेत्र में बने गौ आश्रय स्थल नाकाफी

आयुष मौर्य

धौरहरा खीरी ।आवारा पशुओं से परेशान किसान अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए खेतों में ही निवास कर रहे हैं। 



किसानों के खून पसीने से तैयार की गई फसल को जरा सी चूक होने पर पशु लगातार उजाड़ रहे हैं। खेतों में कटीले तार लगे होने के बावजूद भी किसान अपनी फसल की सुरक्षा नहीं कर पा रहा है। फसल की सुरक्षा को लेकर किसानों को रात रात भर जागना पड़ता है। 



बीते दिनों सिसैया चौराहे पर भाजपा की टिफिन बैठक के दौरान क्षेत्रीय विधायक विनोद शंकर अवस्थी के सामने आवारा पशुओं से निजात दिलाने का मुद्दा उठाने के बाद भी अभी तक उसका समाधान नहीं हो सका है । 



बैठक के दौरान किसानों द्वारा सिर्फ सांड बंधवा लेने की बात पर भी अधिकारी व जनप्रतिनिधि किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं । किसानों ने साल भर खाने पीने के लिए कर्ज आदि लेकर इस समय , गन्ना , केला , उड़द , मक्का , परवल सहित सब्जी आदि फसलों की बोआई की है।




 किसान उसकी सुरक्षा को लेकर जीजान से जुटे हैं। धौरहरा तहसील क्षेत्र में ईसानगर ब्लाक के रुद्रपुर सालिम , कटौली , फिरोजाबाद , नारीबेहड़ , चहलार मुखलिसपुर, मिर्जापुर , चपकहा , सरावल , बरारी , जगदीशपुर आदि धौरहरा ब्लाक के कलुआपुर , रामलोक , सिसैया , कुम्हेना, देवीपुरवा, परसा, ऊंचगांव , बबुरी , लोकईपुरवा , सेखनपुरवा , चकलाखीपुर आदि रमियाबेहड़ ब्लाक के नैनापुर , अभयपुर , गुलरीपुरवा , जोधापुरवा, चन्दपुरा , सुजानपुर , गौरिया , खरवहिया , दुलही , जटपुरवा , कफारा  आदि गांवों के किसानों की खेतों में खड़ी फसलें आवारा पशु उजाड़ रहे हैं। 



निराश्रित पशुओं से किसानों की फसल की सुरक्षा को लेकर सरकार ने क्षेत्र में अस्थाई गौआश्रय स्थल भी बनवाए हैं।पर इन गौ आश्रय स्थलों से भी किसानों को कुछ लाभ नहीं मिल पा रहा है। 



फसल उजाड़ रहे निराश्रित पशुओं को पकड़ने के लिए क्षेत्रीय प्रशासन ने कोई भी व्यवस्था नहीं की है और न ही किसानों द्वारा निराश्रित पशुओं को गौआश्रय स्थल ले जाने पर उन्हें वहां रखा जा रहा है । क्षेत्रीय विधायक या सरकार द्वारा भले ही किसानों को आवारा पशुओं से निजात दिलाने के दावे किए गए हो पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है । 



आलम यह है कि ‌आवारा पशु झुण्ड के झुण्ड आकर किसानों के खून पसीने से उगाई गई फसल को कुछ ही समय में चट कर जाते हैं । और किसान हाथ मलता ही रह जाता है । सारी रात जाग कर फसलों की रखवाली करने वाला किसान सुबह अपने खेतों में काम भी नहीं कर पा रहा है । 



जिससे उसकी आय और सेहत दोनों पर प्रभाव पड़ रहा है । किसानों की आय को दोगुना करने का दावा करने वाली सरकार किसानों की फसल को भी नहीं बचा पा रही है ।


वकील कुमार


खेतों में झोपड़ी बनाकर ही फसल की सुरक्षा कर रहे हैं । कई - कई दिनों तक घर नहीं जाते हैं कुछ समय के लिए अगर खेत से कहीं चले जाएं तो किसान फसल उजाड़ दे रहे हैं । खेत में ही झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं फिर भी चूक होने पर पशु फसल उजाड़ दे रहे हैं ।

वकील कुमार राजपूत निवासी मैला कलुआपुर 


--------------

दयाशंकर


प्रशासन चाहे तो निराश्रित पशुओं से छुटकारा मिल सकता है।मगर प्रशासनिक अधिकारियों की हीलाहवाली किसानों को भुगतनी पड़ रही है । जिसके चलते किसान अपनी फसलों की सुरक्षा को लेकर रात-भर खेतों में झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर हैं ।


दया शंकर मौर्य निवासी गौरिया


पंकज


रात - रात भर जागकर खेतों की रखवाली करनी पड़ती है। कंपकंपाती ठण्ड में स्वास्थ्य खराब होने का भय भी बना रहता है। फिर भी खेतों में रहकर खून पसीने की कमाई से उगाई गई फसल की सुरक्षा करनी पड़ती है ।

पंकज कुमार पाण्डेय निवासी अवस्थीपुरवा





प्रदीप कुमार


घर से मीलों दूर खेतों में रहकर फसलों की सुरक्षा करनी पड़ रही है। प्रशासन सिर्फ आदेश पारित कर रहा है जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है किसानों की समस्या को देखने वाला कोई नहीं है।

प्रदीप कुमार दीक्षित निवासी लालापुरवा धौरहरा

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 

Below Post Ad

5/vgrid/खबरे