पं श्याम त्रिपाठी/बनारसी मौर्या
नवाबगंज गोंडा:पौराणिक सिद्ध पीठ कटरा कुटी धाम पर नौ दिवसीय हनुमान जयंती महोत्सव के प्रथम दिवस की श्री रामकथा का शुभारंभ करते हुए कथा व्यास पं मिथिला शरण पांडे ने कहा कि रामायण मानव को संस्कारों के साथ जीवन जीने की कला सिखाती है , एक पिता का धर्म ,एक पुत्र का धर्म ,एक माता का धर्म क्या है, गृहस्थ को अपने परिवार से और संतो को भक्तों के साथ अच्छा व्यवहार करना सीखना है तो उन्हें रामायण का अध्ययन करना चाहिए !
कथा व्यास ने कहा कि हमें अपने राम जी के जीवन से यह शिक्षा लेनी चाहिए कि जीवन में हमें सम्मान समृद्धि चाहिए तो जीवन का एक पल भी व्यर्थ न जाने पाए यदि हमने समय को नष्ट किया तो विश्वास करें समय हमें नष्ट कर देगा ! एक काम को करते हुए अगले तीन कामों की सूची सदैव तैयार रखनी चाहिए ! राम जी राजा के पुत्र थे किंतु जीवन भर संघर्ष किया एक पल के लिए कभी भी आराम नहीं किया ! मिथिला शरण ने कहा कि राम जैसा चरित्र इस संसार में पैदा नहीं हुआ वह परम उदार दयालु और मार्गदर्शक हैं भगवान राम का नाम उससे बड़ा है ,राम कथा सुनने मात्र से ही प्रभु की कृपा मिलती है! इस अवसर पर कथा के मुख्य यजमान डॉ सुशीला रानी पांडे पत्नी राममणि पांडे ,स्वामी चिन्मयानंद महाराज ,कथावाचक श्री नाथ पांडे ,कथावाचक लव पांडे ,कथा वाचक भुवनेश्वर शास्त्री ,डॉक्टर कुमार ,डॉ अरुण सिंह ,विनोद गुप्ता ,चिंतामणि तिवारी, मनीष ओझा, बृजेश पाठक ,हनी सिंह ,शिवदास गुप्ता रजनीश गुप्ता कृष्ण गोपाल शर्मा ,इंद्र प्रकाश शुक्ला सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे!