गोण्डा के नायब तहसीलदार सदर के खिलाफ शनिवार को जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की गई है। उनके कूटरचित दस्तावेजों के सहारे बैनामा करने के मामले में आदेश के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं करने के लिए कार्यवाही की गई है। जिलाधिकारी ने इसे अनुशासनहीनता के रूप में नकारा है और स्पष्ट किया है कि ऐसी अनुशासनहीनता स्वीकार्य नहीं है।
तहसीलदार सदर को भी चेतावनी दी गई थी
तहसीलदार सदर को भी तीन दिन पहले ही चेतावनी दी गई थी, जिसमें सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर अनाधिकृत अध्यासन से संबंधित वादों के निस्तारण में लापरवाही का उल्लेख था।
विकास कुमार तिवारी की शिकायत पर जांच
बड़गांव निवासी विकास कुमार तिवारी की शिकायत पर जांच की गई थी, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने जानकीनगर निवासी गंगाजली से 1035 वर्ग फुट प्लाट का बैनामा नवम्बर 2018 में कराया था। इसके बाद भूमि का बैनामा हेमलता मौर्या द्वारा नवम्बर 2019 में लिया गया था। जांच में उसके द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए थे।
नायब तहसीलदार को दोषी ठहराया गया
इस पर नायब तहसीलदार गोण्डा को दोषी ठहराया गया और उनके खिलाफ एफआईआर कराने के आदेश दिए गए। लेकिन उन्होंने बार-बार निर्देशों के बावजूद एफआईआऱ नहीं दर्ज कराई, जिसके कारण उनके खिलाफ विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की गई है।