मनकापुर अस्पताल में तैनात डॉक्टर का वाईफाई सिग्नेचर, क्या विभाग को गुमराह कर रहे है अधीक्षक? पढ़िए डॉक्टर के छुपे रहस्य की स्टोरी | CRIME JUNCTION मनकापुर अस्पताल में तैनात डॉक्टर का वाईफाई सिग्नेचर, क्या विभाग को गुमराह कर रहे है अधीक्षक? पढ़िए डॉक्टर के छुपे रहस्य की स्टोरी
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मनकापुर अस्पताल में तैनात डॉक्टर का वाईफाई सिग्नेचर, क्या विभाग को गुमराह कर रहे है अधीक्षक? पढ़िए डॉक्टर के छुपे रहस्य की स्टोरी



गोंडा:सामुदायिक स्वास्थ्य मनकापुर अपने उद्देश्य बेपटरी हो चला है, यहां से उधारी के कर्मचारी बांटे गए जो वापस लौट के ही नहीं आए। तैनात चिकित्सकों के नाम पर कागजी घोड़े दौड़ाए जा रहे हैं। मैन्युअल रजिस्टर में डॉक्टर साहब वाई फाई सिग्नेचर बना जाते हैं। जिससे सूबे के मुखिया सीएम योगी की मंशा अच्छे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए परवान नहीं चढ़ पा रही है। अस्पताल में ऐसे तमाम नजारे देखने को मिलते है, जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के गरिमा को तार-तार कर रहे है।

वाई फाई सिग्नेचर करते है डॉक्टर

सूत्रों की मानें तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनकापुर में मरीजों की संख्या को देखते हुए विभाग के द्वारा एक स्त्री रोग विशेषज्ञ बिरेंद्र कुमार की नियुक्ति की गई थी। लेकिन नियुक्ति के महीनों बाद भी स्त्री रोग विशेषज्ञ का अस्पताल में दर्शन नहीं हुआ है। लगभग डेढ़ माह बाद डॉक्टर साहब एक ऑपरेशन करने के लिए आए, ऑपरेशन की प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत डॉक्टर साहब फिर गायब हो गए। वही सूत्र बताते हैं कि उपस्थिति पंजिका में महिला चिकित्सक का प्रतिदिन हस्ताक्षर बन जाता है। 

अधीक्षक की मिलीभगत 

एक ही रजिस्टर में चिकित्सकों का हस्ताक्षर बनाया जाता है, जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ एसएन सिंह भी अपना हस्ताक्षर बनाते हैं। ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि जब स्त्री रोग विशेषज्ञ अस्पताल में आते ही नहीं है, तब उनके दस्तखत को कौन कर जाता है? ऐसे में स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक के मिली भगत की बू आ रही है। डॉक्टर वीरेंद्र के तैनाती के बावजूद ओपीडी न करना, अधीक्षक का डॉक्टर वीरेंद्र के खिलाफ विभागीय चिट्ठी न लिखना, उच्चाधिकारियों को गुमराह करने जैसा साबित हो रहा है। 

स्टाफ नर्स की मौजूदगी इच्छानुरूप

स्वास्थ्य केंद्र में अक्सर देखने को मिलता है कि दोपहर बाद ड्यूटी पर अन्य कर्मचारियों के साथ में स्टाफ नर्स की भी ड्यूटी लगाई जाती है। लेकिन ओपीडी सेवा समाप्ति के बाद कभी कभी ही स्टाफ नर्स ड्यूटी पर रहती है, ऐसा प्रतीत होता है कि इच्छानुसार आना जाना होता है।

उधारी के कर्मचारी

बता दे की कोरोना काल के दौरान मनकापुर सीएचसी से एक फार्मासिस्ट को जिले पर संबद्ध किया गया था, तब से फार्मासिस्ट की मनकापुर में वापसी नहीं हो सकी। वहीं इसके अतिरिक्त कुछ और अन्य भी कर्मचारी जिला मुख्यालय पर संबद्ध किए गए थे, लेकिन उनकी अपनी तैनाती स्थल पर वापसी नहीं हो पाई है। 

बोले एसीएमओ 

वहीं इस मामले में एसीएमओ ने दूरभाष पर बताया कि मनकापुर सीएचसी में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ वीरेंद्र कुमार की तैनाती है, उनके अस्पताल न आने की अभी तक शिकायत नहीं मिली थी, लेकिन यदि ऐसा है तो जांच की जाएगी।

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