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डॉक्टरों पर FIR, मरीज की किडनी निकालने के आरोप



उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में मेरठ के कई डॉक्टर पर किडनी निकालने के आरोप में एसीजेएम तृतीय की कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ है। महिला ने इलाज के दौरान किडनी निकाल लेने का आरोप लगाया है। वर्ष 2022 में अल्ट्रासाउंड करने पर किडनी गायब होने की जानकारी मिली थी।

महिला ने मेरठ के केएमसी में वर्ष 2017 में बुखार आने पर इलाज कराया था। न्यायालय के आदेश पर मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम, धमकी देने समेत विभिन्न धाराओं में हॉस्पिटल संचालक डॉक्टर पति-पत्नी समेत कई लोगों के खिलाफ बुलंदशहर जिले के नरसेना पुलिस में FIR दर्ज कराया है।

वर्ष 2017 में ऑपरेशन: बुलंदशहर जिले के नरसेना थाना क्षेत्र के कस्बा बुगरासी की रहने वाली कविता पत्नी जयदेव का आरोप है कि वह काफी समय से बीमार चल रही थी, जिसकी वजह से उसने मेरठ के केएमसी अस्पताल में डॉक्टर सुनील गुप्ता को दिखाया था। डॉक्टर ने पीड़ित महिला को भर्ती करने तथा ऑपरेशन करके अंदरूनी अंगों को सही करने की सलाह दी थी। डॉक्टर के आश्वासन पर वर्ष 2017 के 20 मई को भर्ती हुई थी तत्काल डॉक्टर ने ऑपरेशन किया था।तब चिकित्सक ने स्वस्थ हो जाने का आश्वासन देकर डिस्चार्ज कर दिया था, डॉक्टर ने कहा था कि उसके गुर्दे को व्यवस्थित कर दिया गया है।

किडनी बेच देने का आरोप: पीड़ित महिला का आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान उसकी बाई किडनी निकाल कर बेच दी गई, जिससे वह लगातार बीमार होती रही। इस दौरान डॉक्टर के सलाह पर दवाइयां लेती रही लेकिन कोई सुधार न हुआ। डॉक्टर के सुझाव पर उनके ही अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराया तो अल्ट्रासाउंड करने वाले चिकित्सक ने बताया कि उसके पास एक ही किडनी है। तब पीड़िता के पति ने डॉक्टर सुनील गुप्ता से शिकायत की, तब डॉक्टर सुनील गुप्ता व अन्य चिकित्सकों ने अस्पताल के कर्मचारियों के सहयोग से पति के समस्त कागजातों को छीन कर भगा दिया।

दूसरे चिकित्सक ने खोली पोल: महिला ने वर्ष 2022 के 28 अक्टूबर को दूसरे चिकित्सक को दिखाया, तब पता चला कि महिला की बायीं किडनी ऑपरेशन करके पहले ही निकाल ली गई है। 

दिलाई धमकी: मामले में महिला ने न्यायालय से डॉक्टर को नोटिस भिजवाया तो वर्ष 2023 के 8 जुलाई को डॉक्टर ने कुछ दबंग को महिला के घर भेज कर मुकदमा न दर्ज करवाने की बात कह कर कहा कि जान से मार देंगे। पीड़िता का आरोप है कि डॉक्टर ने अंग विहीन कर दिया है, जान माल का खतरा बना हुआ है।

इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा: मामले में न्यायालय के आदेश पर डॉ सुनील गुप्ता एमएस, डॉ अजय एमडी रेडियोलॉजी केएमसी इमॅजिन एण्ड डायग्नोस्टिक सेंटर, डॉ सीमा वार्ष्णेय एमडी वार्ष्णेय क्लीनिक पैथोलॉजी,डॉ प्रतिभा गुप्ता, डॉक्टर निकिता जग्गी, डॉ सतीश कुमार अरोरा एमबीबीएस, डॉ अदिप कोटपाल सहित अन्य कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।


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