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ट्रेनी ऑफिसर ने चूहों का सिर किया कलम, कहा कि हवन करने पर जिंदा हो जाएंगे चूहे, ट्रेनी आईपीएस ऑफिसर के चर्चे हुए आम



उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक ट्रेनी आईपीएस इन दिनों सुर्खियों में है, उनकी हरकतों के कारण उन्हें 10 दिनों के लिए छुट्टी पर भेज दिया गया है, वहीं विभाग पूरे मामले में कुछ भी कहने से बचता हुआ दिखाई दे रहा है।

 दरअसल आईपीएस ने दो चूहों को पड़कर उनकी गर्दन कलम कर दी, इसके बाद सिपाही से कहा कि चलो हवन करते हैं, लेकिन सिपाही ने साफ इनकार कर दिया तब ट्रेनी ऑफिसर ने सिपाही को धमकी दे दी। ऑफिसर के कारनामे से महकमे में खलबली मची हुई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मामला उच्च अधिकारी से जुड़ा होने के कारण कोई भी मुंह खोलने को राजी नहीं है।

कुछ दिनों पहले मिली तैनाती: बताया जाता है कि ट्रेनी ऑफिसर की तैनाती होने के बाद पुलिस अधीक्षक में उन्हें सर्किल ऑफिसर बनाया था, लेकिन ट्रेनी ऑफिसर के कारनामों के कारण उन्हें 10 दिन पहले पुलिस लाइन भेज दिया गया।

ग्राउंड में की लोटपोट: मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 23 जनवरी को रात 3 बजे ट्रेनी ऑफिसर ने हल्ला गुहार मचाया, गणतंत्र दिवस पर ग्राउंड में पहले गाड़ी दौड़ाई फिर कपड़े उतार कर मिट्टी में लोट गए। तब मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने मामले में प्रतिसार अधिकारी को अवगत कराया। जिसके बाद उन्हें उनके आवास पर छुड़वा दिया गया।

चूहों के कटे सिर का हवन: 27 जनवरी को सुबह पुलिस लाइन में तैनात मुंशी को चाय पिलाने के लिए जबरदस्ती गाड़ी में बैठाकर अपने आवास ले गए, जहां बंद कमरे में उन्होंने चूहों की दो डेडबॉडी दिखाई, बताया कि इनके सिर को कलम कर दिया है। अब हम दोनों इनका हवन करेंगे, जिससे यह चूहे फिर जिंदा हो जाएंगे। तब मुंशी वहां से भागने की कोशिश करने लगा जिससे अफसर ने झापड़ रशीद कर दिया।

एसपी ट्रैफिक के ऑफिस में तोड़फोड़: दूसरे दिन फिर एक हरकत देखने को मिली, sp ट्रैफिक के ऑफिस में तोड़फोड़ करते हुए कर्मियों से मारपीट की।मामले की जानकारी मिलते ही नगर पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंच गए, इसके बाद ट्रेनी ऑफिसर को शांत कराते हुए अस्पताल पहुंचाया गया। ट्रेनी ऑफिसर की कारगुजारियां बढ़ती गई, जिसके बाद उनके आवास को बदल दिया गया।

बोलने से कतरा रहे अधिकारी: मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मामले को लेकर ट्रेनी ऑफिसर को दस दिनों के लिए छुट्टी दे दी गई है, लेकिन मामले में उच्चाधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे है।वही जिनके साथ ज्यादती हुई उन्हें भी समझाबुझा कर खामोश कर दिया गया है।लेकिन पुलिस लाइन से कैंटीन तक मामले के चर्चे आम है। जिसपर लोग चर्चा करने से पीछे नहीं है। पूरे मामले में आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं है।


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