उत्तर प्रदेश के जालौन में नवविवाहिता ने सुहागरात की रात हंगामा खड़ा कर दिया। इसके बाद सुबह बड़ी पंचायत हुई, अंततः मामला पुलिस तक जा पहुंचा। महज 48 घंटे में वह अपने रिश्ते को तोड़कर प्रेमी संग भाग गई।
दरअसल कुठौंद थाना क्षेत्र के रहने वाले लक्ष्मीकांत का विवाह हुआ था, वह दुल्हन लेकर घर पहुंचा था, जब वह रात में अपने कमरे में गया तो दुल्हन ने स्पष्ट कर दिया, कि वह अपने प्रेमी के लिए बनी है। उसी की होकर रहेगी। पति पत्नी के बीच पूरी रात हंगामा चलता रहा। सुबह मामले को लेकर पंचायत हुई। कोई निर्णय न हो पाने पर दूल्हे ने पुलिस में न्याय की गुहार लगाई है।
13 फरवरी को शादी: लक्ष्मीकांत ने 13 फरवरी को छोटी सुरावली की रहने वाली निकिता से विवाह रचाया था, इस दौरान हिंदू रीति रिवाज से शादी की रस्में निभाई गई थीं, दूल्हा दुल्हन ने अग्नि को साक्षी मानकर सात जन्मों तक साथ निभाने का वचन लिया था। लेकिन वचन लेने के महज 48 घंटे के भीतर दुल्हन ने सभी कसमों और रस्मों को दरकिनार कर दिया।
पंचायत के बीच भाग गई दुल्हन: दरअसल, रात भर हंगामा होने के बाद सुबह दुल्हन के मां मंजू को बुलाया गया, सभी नाते रिश्तेदारों के मौजूदगी में पंचायत शुरू हुई, दोनों पक्ष के रिश्तेदारों में तीखी बहस चल रही थी, इसी दौरान दुल्हन वहां से भाग गई। जब सब का ध्यान दुल्हन की तरफ गया तो लोग घर में खोजने लगे, लेकिन वह घर में भी नहीं मिली। इसी दौरान पंचायत से उसकी मां भी भाग निकली।
8 माह पहले तय हुई थी शादी: बताया जाता है कि निकिता की मां मंजू ने 8 महीने पहले लक्ष्मीकांत से सबसे बड़ी बेटी का विवाह तय किया था। निकिता के पिता की मौत के बाद शादी की सारी जिम्मेदारी मां ने उठाया था।
ठगा सा महसूस कर रहा है दूल्हा: लक्ष्मीकांत का कहना है कि जब निकिता किसी से प्यार करती थी,यह बात घर वालों को जानकारी थी, ऐसे में उन्होंने उसकी शादी क्यों कराई। इस घटना से उसका सामाजिक व आर्थिक नुकसान हुआ है।
प्रेमी के साथ रहने की जिद: मीडिया से बात करते हुए दूल्हे ने बताया कि दुल्हन के हंगामे के बाद उसकी मां को बुलाया गया, डायल 112 को फोन किया गया, पुलिस वालों ने भी उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन वह किसी की सुनने को तैयार नहीं हुई। उसने कहा कि उसका विवाह जबरदस्ती कराया गया है, वह शादी के लिए राजी नहीं थी। वह अपने प्रेमी दीपक के साथ पूरा जीवन गुजारेगी।
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