अमेठी में घरेलू विवाद के बीच एक युवक ने अपनी ही पत्नी के भाई की चाकू मारकर हत्या कर दी। बहन को बचाने पहुंचे साले की दर्दनाक मौत से गांव में मचा हड़कंप।
"जब बहन के आंसुओं पर फूट पड़ा भाई का गुस्सा, जीजा ने उतार दिया मौत के घाट, अमेठी में खून से सना पारिवारिक झगड़ा!"
"रिश्तों की दीवारें कब चाकू बन जाएं, कोई नहीं जानता..."
अमेठी (उत्तर प्रदेश): एक शांत शाम, एक मामूली सा घरेलू झगड़ा... लेकिन कुछ ही पलों में वो झगड़ा एक खूनी क़त्ल में तब्दील हो गया। अमेठी के महोना गांव में एक साले ने अपनी बहन को बचाने की कोशिश की, लेकिन जीजा की वहशी झपट ने उसे ज़िंदगी से हमेशा के लिए दूर कर दिया।
"बहन की चीखें सुन दौड़ा भाई, लेकिन खुद लौट आया खामोश लाश बनकर..."
घटना बाजारशुक्ल थाना क्षेत्र की है, जहां राजू उर्फ मोहम्मद शरीफ अपनी पत्नी से कहासुनी कर रहा था। बहन की आवाज़ सुनकर उसका छोटा भाई मोहम्मद आसिफ तुरंत घर पहुंचा और झगड़ा शांत कराने की कोशिश की। लेकिन शायद उसे अंदाज़ा नहीं था कि रिश्ते की मर्यादा की आड़ में एक दरिंदा छिपा बैठा है।
गुस्से में आग-बबूला जीजा ने अपनी जेब से चाकू निकाला और आसिफ पर ताबड़तोड़ वार कर दिया। आस-पास के लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले आरोपी वहां से भाग चुका था। ज़ख्मी आसिफ को तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
"गांव में पसरा सन्नाटा, पुलिस का पहरा..."
इस दिल दहला देने वाली वारदात के बाद गांव में तनाव का माहौल है। मुसाफिरखाना के सीओ अतुल सिंह की निगरानी में कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आरोपी की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
"रिश्तों की कहानी में घुल गया खून का रंग..."
ये महज एक हत्या नहीं, बल्कि टूटते रिश्तों की चुभती सच्चाई है। जहां एक भाई ने अपनी बहन के सम्मान के लिए जान दी, और एक पति ने अपने ही साले को मौत की नींद सुला दिया। अब देखना ये है कि कानून कब और कैसे इस ‘परिवार के दुश्मन’ तक पहुंचता है।
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