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पूर्व DGP ओम प्रकाश की रहस्यमयी हत्या: पत्नी हिरासत में, प्रॉपर्टी विवाद से जुड़ा शक

कर्नाटक के पूर्व DGP ओम प्रकाश की बेंगलुरु स्थित घर में संदिग्ध हालात में मौत हो गई। धारदार हथियार से हत्या की आशंका, पत्नी हिरासत में, जानिए पूरा मामला।



बेंगलुरु में सनसनी: पूर्व DGP ओम प्रकाश की धारदार हथियार से हत्या, पत्नी हिरासत में

बेंगलुरु | 20 अप्रैल 2025:रविवार की शाम कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के पॉश HSR लेआउट से एक रोंगटे खड़े कर देने वाली खबर सामने आई, जिसने पूरे पुलिस महकमे को झकझोर दिया। राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) ओम प्रकाश की उनके ही घर में संदिग्ध हालात में मौत हो गई। 68 वर्षीय यह सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी खून से लथपथ हालत में अपने ही घर के ग्राउंड फ्लोर पर पाए गए।


पत्नी का कबूलनामा और हत्या की गुत्थी

इस वारदात का सबसे चौंकाने वाला पहलू ये था कि घटना के कुछ ही देर बाद उनकी पत्नी पल्लवी ने एक रिटायर्ड महिला IPS अधिकारी को वीडियो कॉल कर हत्या की बात खुद स्वीकार कर ली। इसके बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची तो पल्लवी ने दरवाजा खोलने में आनाकानी की, जिससे पुलिस का शक और गहरा गया।


प्रॉपर्टी विवाद में छिपा है सारा रहस्य?

सूत्रों के अनुसार, पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश अपनी सारी संपत्ति अपने बेटे के नाम करना चाहते थे, जो बात पत्नी पल्लवी को नागवार गुजरी। आशंका जताई जा रही है कि इसी वजह से पारिवारिक विवाद इतना गहरा गया कि वह हिंसा में बदल गया।


हत्या या कुछ और? पुलिस ने जांच तेज की

बेंगलुरु के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विकास कुमार ने मीडिया को बताया कि पूर्व डीजीपी की मौत धारदार हथियार से हुई है, और शरीर पर गंभीर घावों के निशान मिले हैं। पुलिस का कहना है कि मामला पूरी तरह घरेलू प्रतीत होता है, लेकिन सभी एंगल से जांच की जा रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पत्नी से पूछताछ जारी है।


सुरक्षा को लेकर पहले से थे सतर्क

पीटीआई रिपोर्ट के अनुसार, ओम प्रकाश ने कुछ समय पहले अपने कुछ करीबी साथियों से अपनी जान को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने आशंका जताई थी कि परिवार के किसी सदस्य से उन्हें खतरा है।


कौन थे ओम प्रकाश?

ओम प्रकाश 1981 बैच के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी थे। बिहार के चंपारण जिले के मूल निवासी ओम प्रकाश भूविज्ञान में एमएससी डिग्री धारक थे। वह कर्नाटक में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके थे और उन्हें 1 मार्च 2015 को राज्य का पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया था।


इस हाई-प्रोफाइल केस ने राज्य की कानून व्यवस्था और पुलिस व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस अधिकारी ने पूरी उम्र कानून का पालन करवाया, उसकी हत्या खुद उसके घर में हो जाना बेहद दुखद और रहस्यमय है। क्या यह सिर्फ पारिवारिक विवाद था या इसके पीछे कोई गहरा षड्यंत्र? यह जानना अब पुलिस की जांच पर निर्भर करता है।


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