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युवक की पत्थर से हत्या का खुलासा: प्रेम विवाद बना खूनी खेल, दो गिरफ्तार

मीरजापुर के चुनार क्षेत्र में रेलवे ट्रैक के पास युवक की पत्थर से हत्या कर फेंका गया शव मिला। पुलिस ने प्रेम विवाद में हत्या करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।



प्रेम की कीमत खून से चुकाई: मीरजापुर में युवक की पत्थर से हत्या, आरोपी दोस्त गिरफ्तार

मीरजापुर, 9 अप्रैल 2025:कभी मेला घूमने का झांसा, कभी दोस्ती की आड़... और आखिर में रेलवे ट्रैक के किनारे मौत। मीरजापुर के चुनार थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज हत्याकांड सामने आया है, जिसने न सिर्फ मोहल्ले की शांति तोड़ी बल्कि भरोसे की हदें भी चकनाचूर कर दीं।


मौत की कहानी, जो मेला देखने से शुरू हुई...

32 वर्षीय राहुल सिंह, जो अपने मोहल्ले का एक साधारण युवक था, 8 अप्रैल की रात अचानक गायब हो गया। उसके पिता विजय सिंह ने पुलिस में तहरीर दी और दो युवकों – आशीष कुमार सिंह और महेन्द्र कुमार सिंह – पर हत्या का शक जताया। शक गहरा था और हकीकत उससे भी ज्यादा डरावनी निकली।


ट्रैक के पास मिला खून से सना सच

शिवशंकरी धाम मंदिर के पीछे रेलवे ट्रैक के किनारे पुलिस को राहुल का शव मिला, और उसके पास पड़ा था एक पत्थर – खून से लथपथ। यह पत्थर बाद में ‘आलाकत्ल’ यानी हत्या का हथियार निकला।


प्रेम की राह में आया ‘दुश्मन दोस्त’

पूछताछ में सामने आया कि आशीष को एक लड़की से प्रेम था, लेकिन राहुल इसका विरोध करता था। आशीष को यह बात इतनी चुभ गई कि उसने अपने दोस्त महेन्द्र के साथ मिलकर राहुल को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।


मृत्यु का मंच बना मंदिर का मेला

दोनों ने राहुल को मेला दिखाने का झांसा देकर बुलाया, शराब पिलाई और जब वह नशे में हुआ तो बेरहमी से पत्थर से कुचलकर उसकी जान ले ली। घटना के अगले दिन सुबह 8 बजे पुलिस ने दोनों हत्यारों को परसोधा पुल के नीचे दबोच लिया।


क्राइम सीरीज का हिस्सा निकला एक आरोपी

आरोपी आशीष कुमार पहले भी NDPS एक्ट में गिरफ्तार हो चुका है। यानी उसका आपराधिक इतिहास पहले से ही दागदार रहा है।


पुलिस टीम की फुर्ती से खुला राज

SSP सोमेन वर्मा के निर्देशन में बनी पुलिस टीम ने महज 24 घंटे के भीतर केस को सुलझाकर हत्यारों को पकड़ लिया। प्रभारी निरीक्षक रवीन्द्र भूषण मौर्य और उनकी टीम की कार्रवाई ने दिखा दिया कि मीरजापुर की पुलिस अपराधियों के लिए ‘साफ्ट टारगेट’ नहीं।


एक कहानी जो दोस्ती, धोखे और दर्द से लिखी गई…

जहां एक ओर रिश्तों में विश्वास की बात होती है, वहीं इस मामले ने यह भी जता दिया कि कभी-कभी सबसे गहरा घाव अपने ही लगाते हैं। अब सवाल यह नहीं कि राहुल की हत्या क्यों हुई, सवाल यह है कि अब मोहल्ले में कौन किस पर यकीन करेगा?


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