बलरामपुर पुलिस ने इंडियन बैंक मैनेजर और उसके सहयोगी को मुख्यमंत्री उद्यम योजना के तहत फर्जीवाड़ा करने के मामले में गिरफ्तार किया है। 9 लाख का लोन करके बैंक मैनेजर ने डकार लिया बड़ा रकम।
अखिलेश्वर तिवारी
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर पुलिस ने इंडियन बैंक मैनेजर के कारनामों को उजागर करते हुए सहयोगी सहित गिरफ्तार कर लिया है। अपने पांव को मजबूत करने के लिए युवक ने 9 लाख रुपए का लोन लिया था, जिसे बैंक मैनेजर ने अपने सहयोगियों से मिलकर हड़प लिया।
बता दे की सूबे की योगी सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाने का काम कर रही है, लेकिन बैंक मैनेजर और बैंक दलाल युवाओं को लूटने में लगे हुए हैं। बिना गारंटी के दिए जाने वाले ऋण के बाबत लाभार्थियों को दौड़ा के दलालों के शरण में जाने के लिए विवश कर देते हैं। जिसका लाभ लेते हुए, दलाल और बैंक मैनेजर मालामाल हो रहे हैं।
9 लाख के लोन में 99000 मिले
मामला रेहरा थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, बाजार के रहने वाले सुनील कुमार वर्मा ने बलरामपुर पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री उद्यम योजना के तहत उसने लोन का आवेदन किया था। जिसमें 9 रुपए की स्वीकृति हुई थी, लेकिन बैंक मैनेजर और दलाल ने मिलकर सारे रुपए निकाल लिया, लोन के एवज में उसे महज 99 हजार रुपए ही प्राप्त हुए।
जांच में खुला राज
मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने रेहरा पुलिस को जांच करने के लिए निर्देशित किया था। पुलिस के शुरुआती जांच में ही पूरा मामला साफ हो गया, शिकायतकर्ता के लगाए गए आरोप सही पाए गए। इंडियन बैंक शाखा प्रबंधक अयोध्या प्रसाद और उसके सहयोगी रिंकू शर्मा ने साजिश के तहत 8 लाख रुपए निकाल लिया था। घटना को अंजाम देने में दोनों ने मिलकर इतनी सफाई से रकम को डकार लिया था कि लाभार्थी को कई दिनों तक भनक ही नहीं लगी।
मुखबिर खास की सूचना पर गिरफ्तार
मुखबिर खास के जरिए पुलिस को ज्ञात हुआ कि इंडियन बैंक शाखा प्रबंधक अयोध्या प्रसाद पुत्र शिवपूजन जौहरी मूल रूप से सिद्धार्थनगर जनपद के डुमरियागंज के डुमरिया का रहने वाला है, नौकरी करने के लिए अस्थाई रूप से गोंडा जिले के मनकापुर कस्बे के पटेल नगर स्थित मिठाई वाटिका न्यू लिटिल चैंप स्कूल के पास निवास करता है, मुखबिर से जानकारी मिलते ही अलर्ट हुई पुलिस मनकापुर के दतौली के तरफ रवाना हो गई। इधर आरोपी शाखा प्रबंधक रेहरा के तरफ जा रहा था, दतौली पुल पार करते ही प्रभारी निरीक्षक दुर्गेश कुमार सिंह ने उसे गिरफ्तार कर लिया। वहीं दूसरे आरोपी रेहरा बाजार थाना क्षेत्र के अधीन पुर गांव के रहने वाले बृजेश कुमार सिंह पुत्र अयोध्या प्रसाद सिंह को क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है।
पूछताछ में खुला राज
पुलिस के हिरासत में आने के बाद आरोपी अयोध्या प्रसाद ने बताया कि उसने मलाई काटने के लिए अपनी पोस्टिंग ग्रामीण क्षेत्र में करवाई थी, जिससे सीधे-साधे लोगों को झांसे में लेकर आसानी से ठगा जा सके। शाखा प्रबंधक ने यह भी बताया कि ऐसे कार्यों को अंजाम देने के लिए वह दलालों के माध्यम से लोन स्वीकृत करवाता था। गड़बड़ झाला का बड़ा हिस्सा स्वयं हड़प लेता था। मध्यस्थता करने वाले लोगों को भी लाभान्वित किया जाता था। मैनेजर ने बताया कि लोन करने के लिए फर्जी बिल, कोटेशन और दुकानों के नाम पर कागज तैयार करवा कर लोन पास कराया जाता था। बाद में कमीशन का पैसा देकर शेष शेष हड़प लिए जाते थे।
पहले भी हुई गिरफ्तारी, कुछ अभी बाकी
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 30 अप्रैल को इसी मामले में सह अभियुक्त असिस्टेंट मैनेजर अतिन सक्सेना और सीएससी संचालक रिंकू शर्मा को गिरफ्तार कर जेल रवाना किया जा चुका है। सह अभियुक्त पर फर्जी भौतिक सत्यापन करने का आरोप है, जबकि सुरेश वर्मा और मुंशीलाल वर्मा की गिरफ्तारी के लिए लगातार टीमें लगी हुई है।
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