लखीमपुर खीरी की अदालत ने युवक की हत्या में सास को दोषी पाने आजीवन कारावास, 5000 रुपए अर्थदंड की सजा दी है।
कमलेश
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में युवक के हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर एडीजी देवेंद्र नाथ सिंह ने मृतक की सास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, इसके अतिरिक्त 5000 रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है।
लोक अभियोजन संजय सिंह के मुताबिक वर्ष 2008 के 6 फरवरी को सीतापुर जिले के पीएससी में मुख्य आरक्षी के पद पर तैनात अकील अहमद की उसके ससुराल में हत्या हो गई थी। मामले में सीतापुर जिले के सुदामा पुरी मोहल्ला के रहने वाले मृतक के भाई खलील अहमद ने मुकदमा दर्ज कराया था।
निकाह के 3 साल बाद हत्या
हेड कांस्टेबल अकील अहमद का निकाह लखीमपुर जिले के फूलबेहड़ थाना क्षेत्र अंतर्गत सुंदरवाल गांव की रहने वाली शाहीन उर्फ रिंकी के साथ वर्ष 2005 के 26 अप्रैल को सम्पन्न हुआ था। मामले में मृतक के भाई ने अपने आरोपों में कहा था कि शादी के बाद से ही भाई के ससुराल वाले और उसकी पत्नी के साथ घर से अलग रहने के लिए दबाव बनाने लगे थे।
झूठ बोलकर बुलाया ससुराल
मामले में मृतक के भाई ने आरोप लगाते हुए कहा था कि वर्ष 2008 के 6 फरवरी को भाई के ससुराल से फोन आया था कि उसकी पत्नी की तबीयत बिगड़ गई है, स्थिति बहुत गंभीर है तत्काल चले आओ। मामले की जानकारी मिलते ही भाई अपने ससुराल पहुंच गया था। जहां ऐसा कुछ नहीं बल्कि ससुराल वालों ने प्रायोजित तरीके से बुलाकर उसे मारा पीटा, और धमकी देते हुए तलाक की मांग की थी।
मां से लगाई थी गुहार
ससुराल वालों के पिटाई से उसकी हालत बिगड़ गई थी। अकील अहमद ने अपनी मां को फोन करते हुए जानकारी दी थी कि उसके ससुराल वालों ने उसे बुलाकर मारा पीटा है। वह मार डालने की नीयत से उसकी ससुराल बुलाए है। ठीक उसी मध्य रात्रि में अकील के मौत की जानकारी प्राप्त हुई थी।
ससुराल के लोगों के खिलाफ मुकदमा
मामले की जानकारी मिलते ही मृतक के घर वाले मौके पर पहुंच गए थे, भाई ने सदर कोतवाली में मृतक की पत्नी, एहतेशाम, निसार जहां असलम उर्फ बबलू, जेबा, जावेद व नसरीन के मारपीट का हत्या करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने एहतेशाम, निसार जहां, असलम उर्फ बबलू, जेबा, जावेद और नसरीन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था
दो की मौत तीन बरी
मुकदमा और जांच के दौरान मुकदमे में आरोपी रहे असलम और एहतेशाम की मौत हो गई थी। वही साक्ष्य और गवाहों के अभाव में जेबा, जावेद और नसरीन पर आरोप साबित नहीं हो सका।
सास को उम्र कैद
विद्वान अधिवक्ता की दलीलें और गवाहों को सुनते हुए अदालत ने सास निसार जहां को मृतक के हत्या में दोषी पाया। आरोप सिद्ध होने पर अदालत ने आजीवन कारावास और पांच हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
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