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गोंडा में गन्ना किसानों से करोड़ों की धोखाधड़ी, चीनी मिल के तीन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा

गोंडा के मोतीगंज में कुन्दुरखी चीनी मिल अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा, गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर सहकारी गन्ना विकास समिति ने दर्ज कराया एफआईआर।



कृष्ण मोहन 

उत्तर प्रदेश के गोंडा में संचालित कुन्दुरखी स्थित बजाज हिन्दुस्थान शुगर लिमिटेड के मुख्य प्रबंधक, वित्त एवं लेखाधिकारी सहित तीन के खिलाफ सहकारी गन्ना विकास समिति लिमिटेड के सचिव डॉ. राम मिलन ने धोखाधड़ी, विश्वासघात, आर्थिक शोषण और आवश्यक वस्तु अधिनियम सहित विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। जिससे मिल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।


प्राप्त जानकारी के मुताबिक मंगलवार को मोतीगंज पुलिस में सहकारी गन्ना समिति के सचिव डॉ राममिलन ने यूनिट हेड प्रेम नारायण सिंह, वित्त एवं लेखाधिकारी राजीव पांडे और प्रबंध निदेशक अजय कुमार शर्मा के खिलाफ शिकायती पत्र देकर मुकदमा दर्ज कराया है।


क्या है मामला 

दर्ज कराए गए मुकदमे के मुताबिक कुन्दुरखी चीनी मिल ने पेराई सत्र 2024-25 में गन्ना किसानों से 75.16 लाख कुंतल 27,768.16 लाख रुपए का गन्ना खरीद कर महज 8,988.59 लाख का भुगतान किया। गन्ना किसानों का चीनी मिल पर अभी भी 18,779.57 लाख रुपए का बकाया है, जिससे किसानों को न केवल आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है बल्कि उनका आर्थिक रूप से शोषण भी किया जा रहा है। चीनी मिल के भुगतान न करने से गन्ना किसानों की खेती प्रभावित हो रही है।

 

नोटिस बेअसर

 दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक मिल ने चीनी व शीरे की बिक्री से 17,334.38 लाख रुपए की आमदनी होने के बावजूद सिर्फ 13,072.37 लाख रुपए ही गन्ना मूल्य भुगतान में दिया गया। शेष रकम 4,262.01 लाख की राशि अन्य मदों में खर्च कर दी गई। जिससे टैगिंग के आदेशों का उल्लंघन हुआ है। इस बारे में समीक्षा बैठक के अलावा कई बार नोटिस भी दिया गया, इसके बावजूद मिल प्रबंधन के द्वारा जानबूझकर के किसानों का भुगतान नहीं किया। टैगिंग आदेशों के मुताबिक चीनी मिल को बिक्री से प्राप्त आमदनी का 85% हिस्सा किसानों के गन्ना मूल्य भुगतान के लिए ऐस्क्रो अकाउंट में देना होता है। लेकिन चीनी मिल प्रबंधन ने ऐसा ना करके अपनी मनमानी जारी रखी।


अब लगा कानूनी टैग 

मिल अधिकारियों के खिलाफ मोतीगंज पुलिस में धोखाधड़ी, विश्वासघात, आर्थिक शोषण, आवश्यक वस्तु अधिनियम, उ.प्र. गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम, 1953 धारा 17 व 22, यू.पी. वैक्यूम पैन शुगर फैक्ट्रीज लाइसेंसिंग ऑर्डर, 1969 उल्लंघन के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। 

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