गोंडा के देहात कोतवाली में किशोर की अपहरण के तीन दिन बाद हत्या, मुकदमे में गवाही देने से तीन दिन पहले मिला शव, ज्वलनशील पदार्थ से झुलसा मिला चेहरा।
उत्तर प्रदेश के गोंडा में दिल दहला देने वाला मामला देखने को मिला है, केस में सजा से बचने के लिए 13 वर्षीय मासूम की निर्मम हत्या कर दी गई। परिजनों ने विपक्षियों पर अपहरण कर हत्या करने का आरोप लगाया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोमवार को देहात कोतवाली क्षेत्र के सालपुर पुलिस चौकी क्षेत्र के टिकरिया गांव स्थित गन्ने के खेत में 13 वर्षीय किशोर का शव पाया गया। जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। किशोर जानलेवा हमले का मुख्य गवाह था, परिजनों ने विपक्षियों पर अपहरण के बाद हत्या का आरोप लगाया है।
पुलिस ने हल्के में लिया मामला
सालपुर पुलिस चौकी क्षेत्र के टिकरिया गांव के रहने वाले गोविंदा का आरोप है कि शनिवार को दोपहर में उनका 13 वर्षीय पुत्र विशाल रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गया था, उसकी बहुत खोजबीन की लेकिन उसका पता नहीं चल सका, उसे खोजते हुए शाम हो गई थी, सालपुर पुलिस चौकी में पहुंचकर बेटे के अपहरण होने और उसकी हत्या होने की आशंका जताई थी, तब पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा कि घर आकर के जांच करेंगे,अभी आप घर जाओ। यदि पुलिस ने उसी वक्त मामले को गंभीरता से ले लिया होता तो शायद आज विशाल जिंदा होता।
गवाही देने से पहले हत्या
रोते हुए, मृतक के पिता गोविंदा ने बताया कि 3 वर्ष पहले गांव के ही रहने वाले मुकेश और उनके भाइयों ने मारपीट करते हुए गंभीर चोट पहुंचाई थी। जिसमें तत्काल मुकदमा दर्ज हुआ था, 17 जुलाई को केस में विशाल को गवाही देना था। विशाल की गवाही रोकने के लिए शनिवार के दोपहर में उसका अपहरण कर लिया गया।
विपक्षी ही है बेटे के कातिल: मृतक का पिता
गोविंदा ने बेटे के मौत को लेकर आरोप लगाते हुए कहा कि मुकदमे में विपक्षी ही उसके बेटे के हत्यारे है। गोविंदा ने कहा कि उसे पूरा विश्वास है कि गांव के विपक्षियों ने ही उसके बेटे की बेरहमी से हत्या की है। बेटे के एक पैर से भी छेड़छाड़ किया गया है, उसके चेहरे पर को ज्वलनशील पदार्थ डाला गया है।
बोले एएसपी
मामले में अपर पुलिस अधीक्षक मनोज रावत ने कहा कि घटनास्थल से साक्ष्य संकलन किया गया है, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
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