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मौत के 3 महीने 13 दिन बाद जिंदा लौटी प्रेमिका, तो जिसका अंतिम संस्कार हुआ वो कौन थी?

 कौशांबी के कोखराज में हत्या के आरोप से बच गया आशिक, 3 महीने 13 दिन बाद जिंदा वापस लौटी प्रेमिका,रेलवे ट्रैक पर युवती के मौत का मामला उलझा, जिसका अंतिम संस्कार हुआ कौन थी युवती?



उत्तर प्रदेश के कौशांबी में मौत के 3 महीने 14 दिन बाद प्रेमिका जिंदा लौट आई है। जिससे प्रेमी के गर्दन पर लटक रही हत्या के आरोपों की तलवार वापस म्यान में चली गई है, लेकिन पुलिस के सामने उसने बहुत बड़ा प्रश्न खड़ा कर दिया है! कि आखिर जिसकी हत्या बताई जा रही थी वह शव किस युवती का था? एक चुनौती से निपटने के बाद पुलिस के सामने दूसरी बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। 


प्राप्त जानकारी के मुताबिक मंगलवार को कोखराज पुलिस ने 17 मार्च को घर से फरार हुई युवती को कड़ी मशक्कत के बाद बरामद कर लिया है। पुलिस युवती से पूछताछ के बाद आवश्यक कार्यवाही में जुटी हुई है। वही जिस युवती का शव बरामद हुआ था अब उसकी कुंडली निकाली जाएगी।


क्या है पूरा मामला 

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कोखराज थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव की रहने वाली महिला ने पुलिस में शिकायती पत्र देते हुए कहा था कि 17 मार्च को उसकी 16 वर्षीय पुत्री को विष्णु कुमार नामक युवक अपने प्रेम जाल में फंसा कर भाग ले गया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। लेकिन, दूसरे दिन ही मामले में नया मोड़ आ गया, जिससे पुलिस को जमकर हलकान होना पड़ा।


मृत युवती को बताया बेटी

18 मार्च को विदनपुर और भरवारी के मध्य, रेलवे ट्रैक पर एक अज्ञात युवती का क्षति विक्षती शव मिला था, जिसकी पहचान करवाने के लिए पुलिस ने पूरा प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी थी, पुलिस ने शव को अज्ञात मानकर 72 घंटे तक उसकी पहचान होने का इंतजार किया,अंततः शव को लावारिस मानकर अंतिम संस्कार कर दिया। 22 मार्च को अपहृता की मां, को रेलवे ट्रैक पर शव मिलने की जानकारी हुई। इसके बाद वह अपने पति और बेटे के साथ थाने पर पहुंच गई। महिला ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर जो शव बरामद हुआ था, वह उसकी पुत्री का था। उसने बेटी के अंतिम संस्कार के लिए शव की मांग की, लेकिन बहुत देर हो चुकी थी, पुलिस ने अंतिम संस्कार कर दिया था।


बरपा हंगामा

महिला बेटी के हत्या का आरोप उसके प्रेमी पर लगाते हुए कहा कि उसकी हत्या करके रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया, पुलिस ने आरोपी का बचाव करते हुए बेटी को लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया। महिला के आरोपों से पुलिस को हलकान होना पड़ा, मामले की भनक लगते ही मीडिया ने महिला के आरोपों को कवर करते हुए इसके हवाले से समाचार पेश किया, जिससे पुलिस की जमकर किरकिरी हुई। हालांकि पुलिस के अधिकारियों ने महिला को समझा बुझाकर शांत कराया। लेकिन, पुलिस के लिए यह गलती बड़ी चुनौती बन गई थी! ऐसे में अब पुलिस यह जानने की कोशिश में जुट गई कि क्या उसने वाकई लापरवाही की है, या फिर यह महिला का एक भ्रम है?


प्रयोगशाला से पहले काम आया मुखबिर 

सच्चाई उजागर करने के लिए पुलिस ने मृतका के शव से प्राप्त डीएनए सैंपल और परिजनों से सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेज दिया, लेकिन जांच रिपोर्ट आने से पहले 20 मई को पुलिस के विश्वस्त मुखबिर ने ऐसी जानकारी दी, जिससे पुलिस का आत्मग्लानि ही खत्म नहीं हुई बल्कि उसके खुद के भरोसे को और बल मिल गया। दरअसल, पुलिस को पता चला कि जिस गुमशुदा के हत्या की बात कही जा रही है, उसने अपने भाई से इंस्टाग्राम पर वीडियो कॉल के जरिए बात की है।


सच्चाई हुई उजागर 

वीडियो काल का मामला संज्ञान में आते ही पुलिस ने बिना समय गवाएं गुमशुदा के भाई से पूछताछ शुरू कर दिया। तब उसने बताया कि उसकी बहन ने उसके इंस्टाग्राम पर इस आईडी के जरिए बातचीत किया है। ऐसे ने पुलिस ने साइबर एक्सपर्ट के जरिए इंस्टाग्राम आईडी का लोकेशन ट्रेस कर लिया। लोकेशन मिलते ही पुलिस, महाराष्ट्र के पुणे पहुंच गई। गुमशुदा को सकुशल बरामद करके कोखराज ले आई।


हत्या के आरोप से बचा प्रेमी, लेकिन शव किसका था?

गुमशुदा के जिंदा बरामद हो जाने से हत्या के आरोपों से प्रेमी बच गया? लेकिन रेलवे ट्रैक पर जिस युवती का शव मिला, उसको लेकर दूसरा प्रश्न खड़ा हो गया है, रेलवे ट्रैक पर जिसकी मौत हुई वह युवती कौन थी? वह रेलवे ट्रैक पर कैसे पहुंची? 


बोले एसपी 

मामले में पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह ने बताया कि गुमशुदा अपने प्रेमी के साथ पुणे फरार हो गई थी, जिसे सकुशल बरामद कर लिया गया है। गुमशुदा के जीवित बरामद होने से युवक हत्या जैसे गंभीर आरोप में जेल जाने से बच गया है।

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