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मुख्य सरगना छांगुर बाबा गिरफ्तार, जाति के मुताबिक देता था मोटी रकम, इसके करने में जानकर उड़ जाएंगे होश

यूपी एटीएफ ने बलरामपुर अंतर्गत उतरौला के छांगुर बाबा को किया गिरफ्तार, हुए बड़े खुलासे, धर्मांतरण कराने के बाद देता था लाखों रुपए, 100 करोड़ के लेनदेन की मिली जानकारी। 



अखिलेश्वर तिवारी

उत्तर प्रदेश के एटीएफ ने धर्मांतरण के सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को गिरफ्तार कर लिया है। धर्मांतरण के मामले में छांगुर बाबा की लंबी कहानी है। गरीबों लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर धर्मांतरण करवाने, क्षत्रिय, ब्राह्मण, ओबीसी जैसे कैटेगरी निर्धारित करके 10 से 15 लाख रुपए ट्रांसफर करने की रकम निर्धारित थी। इसके विदेश से भी तार जुड़े होने की बातें उभर कर सामने आई है। 


प्राप्त जानकारी के मुताबिक बलरामपुर जिले के उतरौला तहसील अंतर्गत थाना गैंडास बुजुर्ग अंतर्गत रेहरा माफी, व हालपता उतरौला कोतवाली क्षेत्र के मधपुर का जमालुददीन उर्फ छांगुर बाबा पुत्र करीमउल्ला शाह लड़कियों का ब्रेनवाश करके अवैध धर्मांतरण करवाता था। उसके खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज हैं।


विदेश से आर्थिक सहायता 

पुलिस को, मामले में कई शिकायतें प्राप्त हुई थी जिसमें बताया गया था कि उतरौला के मधपुर में पीर साहब, नसरीन, जमालुददीन, महबूब आदि के नाम से कई संदिग्ध लोग रहते हैं। यह बात भी पता चली कि विदेशी फंडिंग के जरिए 1 वर्ष के भीतर करोड़ों रुपए की संपत्ति जिसमें लग्जरी गाड़ियां, बंगला आदि खरीदे गए हैं।


हैरानी भरा खुलासा 

मामले में पुलिस ने जांच किया तो पता चला कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा तीन-चार वर्षो से मधपुर में मुंबई के रोहरा निवासी नवीन घनश्याम, उनकी पत्नी नीतू और पुत्री के साथ रहता था, तीनों मूल रूप से सिंधी है। पुलिस के जांच में पता चला कि छांगुर शाह बाबा ने तीनों का ब्रेनवाश करके इस्लाम धर्म स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया था। इसके बाद नवीन घनश्याम सहित उनकी बीवी बच्ची ने अपना नाम भी बदल लिया था, जो अब जमालुद्दीन नसरीन व सबीहा के नाम से जाने जाते हैं।


इस्लाम धर्म का प्रचारक बन बैठा छांगुर

सिंधी परिवार के धर्मांतरण के बाद छांगुर बाबा मधपुर में चांद औलिया दरगाह के बगल में रहने लगा, जहां उसने खुद को पीर बाबा व सूफी बासफा हजरत बाबा जलालुददीन कहने लगा। इस्लाम धर्म के प्रचार के लिए शिजर-ए-तैय्यबा नाम से एक पुस्तक छपवाई जिसका वितरण करके लोगों को इस्लाम के प्रति प्रेरित करने का काम किया।


लखनऊ में प्रेमजाल के बाद धर्मांतरण

छांगुर ने लखनऊ की रहने वाली गुंजा गुप्ता को अबू अंसारी ने अपना नाम छलपूर्वक अमित बताकर प्रेम जाल में फंसा लिया। जब अबू को लगा कि लड़की उस पर विश्वास कर रही है तब वह उसे बहला फुसलाकर छांगुर शाह के पास दरगाह पर ले गया, जहां गुंजा गुप्ता को बेहतरीन जीवन गुजारने का प्रलोभन देते हुए ब्रेनवाश किया गया, छांगुर बाबा के बातों में आकर गुंजा ने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया। उसने अपना नाम बदलकर अलीना अंसारी रख लिया।

जैसी जाति वैसी रकम

जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि आरोपी छांगुर हिंदू धर्म की लड़कियों के धर्मांतरण के लिए मोटी रकम देता था, जिसमें ब्राह्मण, क्षत्रिय, सरदार की लड़कियों के धर्मांतरण करने पर 15 से 16 लाख रुपए, पिछड़ी जाति को 10 से 12 लाख रुपए व अन्य जातियों की लड़कियों को 8 से 10 लाख रुपए देने के लिए निर्धारित था।


इस्लामी देशों की यात्रा 

पुलिस के जांच में पता चला कि गैंग के लोग लगभग 40 बार इस्लामी देशों की यात्रा कर चुके हैं।


100 करोड़ का लेनदेन 

छांगुर बाबा अपने रुपए अपने पास ही नहीं बल्कि गैंग के सदस्यों के अलावा अलग-अलग संस्थाओं जिसमें 40 से अधिक खाते खुलवाए गए हैं, जिसमें 1 वर्ष के भीतर लगभग 100 करोड़ रुपए का लेनदेन हो चुका है।


कौन होता था शिकार 

गरीब घरों की लड़कियों को फंसाने के लिए पहले प्रलोभन दिया जाता था, नहीं मानने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हुए धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जाता था, गैंग प्रमुख छांगुर अपने सदस्यों महबूब, पिंकी, हरिजन, हाजिरा शंकर, कथित पत्रकार एमेन रिजवी, सगीर, नीतू रोहरा सहित कई लोगों के माध्यम से असहाय लड़कियों पर धर्मांतरण के लिए दबाव बनवाता था।


आजमगढ़ में मुकदमा 

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक गैंग के खिलाफ आजमगढ़ के देवगांव पुलिस में छांगुर बाबा, उनके सहयोगियों और रिश्तेदारों के खिलाफ अवैध धर्मांतरण का मुकदमा दर्ज है।

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