गोंडा में खाद की आठ दुकान निरस्त, 8 फुटकर विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त, यूरिया की कालाबाजारी पर हुई कार्रवाई, खाद विक्रेताओं पर हुई कार्रवाई से मचा हड़कंप।
कृष्ण मोहन
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिला कृषि अधिकारी ने मनमानी पूर्वक खाद की बिक्री करने वाले दुकानदारों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए नकेल कस दिया है। जिससे खाद विक्रेताओं में हड़कंप मच गया है। फुटकर विक्रेताओं के द्वारा अनियमितता पूर्वक खाद की बिक्री करने की शिकायत मिलने के बाद जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की गई है।
दरअसल, जिला कृषि अधिकारी को शिकायत मिली थी कि, खाद की कालाबाजारी करने के लिए किसानों को खाद उपलब्ध करवाने के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। शिकायत को संज्ञान में लेते हुए मामले की जांच कराई गई, तो जांच टीम दंग रह गई। एक-एक किसानों के नाम खाद की कई कई बोरियां खारिज की गई थी। मामले में आठ उर्वरक विक्रेताओं के लाइसेंस को रद्द कर दिया गया है।
जांच में मिला हैरान करने वाला मामला
दरअसल, शिकायत मिलने के बाद जांच टीम ने मामले में पड़ताल करना शुरू किया तो वह भी हैरान हो गई। एक ही किसान के नाम से 40 से 50 बोरियां खरीद में खारिज की गई थी। ऐसे में टीम ने जब और गहराई से पड़ताल शुरू किया तो कई विक्रेताओं ने मनमाने ढंग से खाद की बिक्री दर्शा दी थी, जबकि उसके सापेक्ष वास्तविक खरीद ही नहीं हुई थी।
इनके लाइसेंस हुए निरस्त
जिला कृषि अधिकारी ने जांच में दोषी पाए जाने पर बभनजोत विकासखंड अंतर्गत दौलतपुर माफी मैं संचालित मे• वर्मा ट्रेडर्स, इटियाथोक विकासखंड के अयाह के दुकानदार मे• हरिश्चंद्र मिश्रा फुटकर खाद विक्रेता, इटियाथोक के ही लखनीपुर के खाद विक्रेता मे• निसार अहमद, छपिया विकासखंड के सूर्य बाग चौराहा पर संचालित मे• सिंह खाद एवं बीज भंडार, बेलसर के शिवगंज बाजार के दुकानदार आरकेबीके एंटरप्राइजेज, रुपईडीहा के आर्यनगर छितौनी में संचालित परवेज आलम बीज भंडार, बभनजोत के कूकनगर बन्दी के दुकानदार सियाराम फुटकर उर्वरक विक्रेता, और बेलसर के गोडवाघाट में संचालित पांडे खाद भंडार के लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया है।
बोले कृषि अधिकारी
जिला कृषि अधिकारी सीपी सिंह ने उक्त कार्रवाई के बाबत जानकारी देते हुए बताया कि उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के उल्लंघन के तहत 8 उर्वरक विक्रेताओं के लाइसेंस को निरस्त किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी स्थिति में किसानों के नाम पर मनमानी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भविष्य में यदि कोई उर्वरक विक्रेता ऐसे करता हुआ पाया जाता है तो उसका लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाएगा। जिला कृषि अधिकारी ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान उर्वरक प्राप्त करते ही अपने रसीद और पहचान पत्र तत्काल ले लें। जिससे गड़बड़ी की संभावना खत्म हो जाए।
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