अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश से शिक्षकों में आक्रोश है। अदालत ने 1 सितंबर 2025 को निर्णय दिया है कि देश के सभी शिक्षकों को आगामी दो वर्षों में टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास करनी होगी, अन्यथा उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। इस आदेश से वे शिक्षक भी प्रभावित होंगे जिनकी नियुक्ति 23 अगस्त 2010 से पूर्व हुई थी और जिन्होंने वर्षों तक शिक्षा सेवा में योगदान दिया है। जबकि आरटीई अधिनियम 2009 की धारा 23 (1) और एनसीटीई की 2010 की अधिसूचना के अनुसार, उस तिथि से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से छूट प्राप्त है। इसी मुद्दे पर यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के बैनर तले बुधवार को बड़ी संख्या में शिक्षक जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन अपर उप जिलाधिकारी मनोज कुमार सरोज को दिया गया।
शिक्षक नेताओं ने मांग की कि सरकार संशोधित अधिनियम लाकर पुराने शिक्षकों को राहत दे तथा सुप्रीम कोर्ट में प्रभावी पैरवी कर पुनर्विचार याचिका दाखिल करे। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा न होने पर लाखों परिवारों का भविष्य संकट में आ जाएगा। ज्ञापन देने वालों में जिलाध्यक्ष देव कुमार मिश्र, महामंत्री अशोक कुमार सिंह, संयोजक अभिषेक ओझा, उपाध्यक्ष फैजान अंसारी, पीयूष शर्मा, सचिन शुक्ला, बाबू लाल, कौशल कुमार, आशीष कुमार समेत कई शिक्षक उपस्थित रहे।
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