अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर के एमएलके पीजी कालेज में मंगलवार को पाठ्य सहगामी प्रतियोगिता के अंतर्गत अंग्रेजी निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ।
11 नवंबर को महाविद्यालय के पाठ्य सहगामी प्रतियोगिताओं के अंतर्गत प्राचार्य प्रो जनार्दन प्रसाद पाण्डेय के निर्देशानुसार तथा अंग्रेजी निबंध के समन्वयक डाॅ रमेश कुमार शुक्ल के संचालन मे एक अंग्रेजी निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । आज के निबंध का विषय था Relevance of Gandhian philosophy for the world peace in the present Scenario. निबंध प्रतियोगिता मे स्नातक, स्नातकोतर, बीएड, बी सी ए तथा बी बी ए के छात्र छात्राओं ने भाग लिया । निबंध प्रतियोगिता का प्रारंभ वैदिक मंगलाचरण, सरस्वती वंदना तथा दीप प्रज्वलन से हुआ । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्राचार्य प्रो जनार्दन प्रसाद पाण्डेय थे । विशिष्ट अतिथि सिद्धार्थ विश्विद्यालय के पूर्व डीन प्रो प्रकाश मिश्र तथा राजनीति विभाग के डाॅ आशीष कुमार लाल थे । निबंध प्रतियोगिता के प्रारंभ होने से पूर्व विभागाध्यक्ष तथा अंग्रेजी निबंध के समन्वयक डाॅ रमेश कुमार शुक्ल ने अंग्रेजी विभाग के सभागार मे मुख्य अतिथि प्राचार्य प्रो जनार्दन प्रसाद पाण्डेय तथा विशिष्ट अतिथि प्रो श्री प्रकाश मिश्र तथा डाॅ आशीष कुमार लाल का स्वागत परंपरागत ढंग से किया । प्रतियोगिता प्रांरभ होने से पूर्व अपने सम्बोधन में अंग्रेजी निबंध समन्वयक तथा विभागाध्यक्ष डाॅ शुक्ल ने अंग्रेजी निबंध के विकास के इतिहास की जानकारी संक्षेप मे छात्र छात्राओ को दी । उन्होने अंग्रेजी के महान निबंधकार फ्रांसिस बेकन के व्यक्तित्व एवम कृतित्व पर संक्षेप मे प्रकाश डाला । उन्होने बेकन का प्रसिद्ध निबंध ' आफ स्टडीज ' पर अपने विचार संक्षेप मे रखे । उन्होने बीसवी शताब्दी के प्रसिध्द कवि पेबलो नेरुदा की प्रसिद्ध कविता यू स्टार्ट डाइंग सलोली को पढा तथा पुस्तके पढना , यात्रा करना तथा जीवन की ध्वनि को सुनना विषय पर नेरुदा के विचारो को छात्र छात्राओ के समक्ष संक्षेप मे रखा ।
मुख्य अतिथि प्राचार्य प्रो जनार्दन प्रसाद पाण्डेय ने गांधी दर्शन की प्रासंगिकता पर अपने विचार संक्षेप मे रखे । प्राचार्य ने छात्र छात्राओ से कहा कि वे राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की आत्मकथा ' सत्य के साथ प्रयोग ' का अध्ययन करे तथा इससे प्रेरणा ग्रहण करें ।प्राचार्य ने कहा कि महात्मा गांधी के विचारो को पढकर तथा उसका पालन कर हम पाश्चात्य सभ्यता-संस्कृति के अंधानुकरण से बच सकते है । प्राचार्य ने कहा कि भारतीय चिन्तन के मूल मे आध्यात्म है । साथ ही , प्राचार्य ने पाठय सहगामी प्रतियोगिता के अंतर्गत अंगरेजी निबंध प्रतियोगिता के सफल आयोजन पर समन्वयक डाॅ रमेश शुक्ल को शुभकामनाएं दी । सिद्धार्थ विश्विद्यालय के पूर्व डीन प्रो श्री प्रकाश मिश्र ने अपने सम्बोधन मे दक्षिण अफ्रीका मे प्रवास के समय महात्मा गांधी के द्वारा रंगभेद नीति के विरूद्ध चलाए गए सत्याग्रह के विषय मे संक्षेप मे जानकारी दी । प्रो मिश्रा ने महात्मा गांधी के प्रिय भजन नरसिंह मेहता रचित वैष्णव जन तो तेनी कहिए के अर्थ को संक्षेप मे छात्र छात्राओ को बतलाया । डाॅ आशीष कुमार लाल ने विश्व प्रसिद्ध चिंतक हेनरी डेविड थोरो के विचारों का महात्मा गांधी पर प्रभाव विषय पर संक्षेप मे अपने विचार रखे । प्रतियोगिता मे विभाग के शिक्षक डाॅ बी एल गुप्ता, डाॅ अभय नाथ ठाकुर व शिवम सिंह उपस्थित रहे ।
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