अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर के एमएलके पीजी कालेज में अंग्रेजी विभाग द्वारा मंगलवार को साहित्य और पर्यावरण विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया ।
04 नवंबर को एमएलके कॉलेज प्राचार्य प्रो जनार्दन प्रसाद पाण्डेय के निर्देशानुसार तथा अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डाॅ रमेश कुमार शुक्ल की अध्यक्षता मे अंग्रेजी विभाग के सभागार मे साहित्य और पर्यावरण विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि महाविद्यालय प्राचार्य प्रो जनार्दन प्रसाद पाण्डेय मौजूद रहे । विशिष्ट अतिथि मुख्य नियंता वीणा सिंह तथा सांस्कृतिक निदेशिका प्रो रेखा विश्वकर्मा थी । इस कार्यक्रम मे महाविद्यालय के विभिन्न विषयो के स्नातक तथा स्नातकोत्तर के छात्र छात्राओं ने भाग लिया । कार्यक्रम का प्रारंभ वैदिक मंगलाचरण, सरस्वती वंदना, दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ । वैदिक मंगलाचरण एवं सरस्वती वंदना दीपशिखा साहू, जया कसौंधन तथा गौरी मिश्रा ने प्रस्तुत किया । विभागाध्यक्ष डाॅ शुक्ल ने मुख्य अतिथि प्राचार्य प्रो जनार्दन प्रसाद पाण्डेय तथा विशिष्ट अतिथि प्रो वीणा सिंह तथा प्रो रेखा विश्वकर्मा का स्वागत विभाग मे परंपरागत ढंग से किया । स्वागत भाषण गौरी मिश्रा ने दिया । विशिष्ट अतिथि के रूप मे अपने सम्बोधन मे मुख्य नियंता प्रो वीणा सिंह ने प्रसिद्ध भारतीय पर्यावरणविद वंदना शिव के व्यक्तित्व एवम कृतित्व पर प्रकाश डाला । उन्होने ईकोफेमीनीजम के विचारधारा पर संक्षेप मे जानकारी दी । प्रो वीणा ने प्रसिद्ध चिपको आंदोलन मे महिलाओ की भूमिका विषय पर अपने विचार संक्षेप मे रखे । डाॅ रमेश कुमार शुक्ल ने अपने सम्बोधन मे फ्रांसीसी क्रान्ति मे विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक रूसो के विचारों का योगदान विषय पर अपने विचार संक्षेप मे रखे । डाॅ शुक्ल ने रूसो के विचारों का प्रसिद्ध अंग्रेजी कवि विलियम वर्डसवरथ पर प्रभाव विषय पर अपने विचार संक्षेप मे छात्र छात्राओ के समक्ष रखा । डाॅ शुक्ल ने प्रसिद्ध अमेरीकी लेखक हेनरी डेविड थोरो की विश्व प्रसिद्ध रचना वालडेन के कुछ अंश को छात्र छात्राओ के समक्ष पढा । साथ ही डाॅ शुक्ल ने विलियम शेक्सपियर के विश्वप्रसिद्ध नाटक किंग लियर के Storm Scene मे प्रकृति के अद्भुत चित्रण के विषय मे छात्र छात्राओ को जानकारी दी ।डाॅ शुक्ल ने कहा कि प्रकृति से लीयर को ज्ञान हुआ कि दया मानव जीवन का अनिवार्य तत्व है । प्राचार्य प्रो जनार्दन प्रसाद पाण्डेय ने वैदिक साहित्य और पर्यावरण विषय पर संक्षेप मे छात्र छात्राओ को जानकारी दी । प्राचार्य ने कहा कि मानव सभ्यता के प्रांरभ से ही प्रकृति ने साहित्य को प्रभावित किया है । उन्होने संस्कृत के महान कवि कालिदास की विश्व प्रसिद्ध रचना मेघदूत मे प्रकृति के मानवीकरण विषय पर संक्षेप मे छात्र छात्राओ को बतलाया । सांस्कृतिक निदेशिका रेखा विश्वकर्मा ने प्रसिद्ध संस्कृत नाटक मृचछकटिकम मे प्रकृत के चित्रण पर संक्षेप मे अपनी जानकारी दी । कार्यक्रम मे छात्र छात्राओं के द्वारा साहित्य और पर्यावरण विषय पर भाषण प्रतियोगिता, विवाद प्रतियोगिता तथा निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया । कार्यक्रम का संचालन डाॅ अभय नाथ ठाकुर ने किया । कार्यक्रम मे विभाग के शिक्षक डाॅ बी एल गुप्ता, डॉ अभय नाथ ठाकुर, शिवम सिंह, आर्या तिवारी ने भी साहित्य और पर्यावरण विषय पर अपने विचार व्यक्त किए । छात्र छात्राओं मे आकाश तिवारी, दीप शिखा साहू, गौरी मिश्रा, जया कसौंधन इकरा बानो, पिंकी जयसवाल, इकरा, एकता व शिवम ने भाग लिया ।कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।
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