Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

Pratapgarh:गलवान घाटी की घटना राष्ट्रीय, अर्न्तराष्ट्रीय व जेनेवा कन्वेशन का खुला उल्लंघन:प्रमोद तिवारी



पूर्व सांसद ने पीएम पर साधा निशाना-कहा सैनिक मरता नहीं बल्कि होता है शहीद व अमर
लालगंज, प्रतापगढ़। वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने भारत-चीन सीमा पर लद््दाख की गलवान घाटी में चीनी हरकत को उसकी आदतन धोखेबाजी करार देते हुये इसे राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय एवं जेनेवा कन्वेंशन का खुला उल्लंघन करार दिया है । शुक्रवार को नगर स्थित क्षेत्रीय विधायक आराधना मिश्रा मोना के कैम्प कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत करते हुये प्रमोद तिवारी ने केन्द्र सरकार से कहा है कि चीन से आयात पर भारत को फौरन पूर्ण प्रतिबन्ध लगाना चाहिए, और चीन के साथ किसी भी प्रकार के आयात के रिश्ते बहाल नहीं किये जाने चाहिए । उन्हांेने सीमा पर शहीद हुये जवानों की शहादत को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा इस कथन पर भी करारी टिप्पणी की जिसके तहत पी.एम. ने यह कहा कि हमारे सैनिक मारते-मारते मरे हैं । प्रमोद तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह समझना चाहिए कि सैनिक मरता नहीं बल्कि वह सदैव देश की आन बान के लिये शहीद हुआ करता है, बकौल तिवारी सैनिक की शहादत भी सदैव अमर रहा करती है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने पीएम से यह भी सवाल उठाया कि जब पुलवामा काश्मीर में सीआरपीएफ अर्द्ध सैनिक बल के जवान शहीद हुये तब तो प्रधानमंत्री ने दिल्ली एयरपोर्ट पर उनके पार्थिव शहीर पर स्वयं माल्यार्पण किया और अब जब आज भारतीय सेना के कर्नल एवं अधिकारी रैंक के बीस जवान भारत माता की रक्षा करते हुये शहीद हो गये तो प्रधानमंत्री ने दिल्ली एयरपोर्ट पर ससम्मान इनके पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण करे श्रद्धांजलि क्यों नहीं दी?  श्री तिवारी ने कहा कि शहीद होने वाले इन जवानों के पार्थिव शरीर जो लद््दाख से लाये गये वे दिल्ली के ऊपर से ही गये हैं तो पीएम को ऐसा क्यों नहीं महसूस हुआ कि वह देशवासियों का प्रतिनिधित्व करते हुये उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करते। बकौल प्रमोद तिवारी प्रधानमंत्री की शहीदों के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण न कर शहीदों का अपमान किया गया है, पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रमोद ने प्रधानमंत्री पर सियासी कटाक्ष किया कि क्या सीआरपीएफ के शहीद जवानों को उस समय स्वयं प्रधानमंत्री ने चल रहे लोक सभा चुनाव को देखते हुये श्रद्धा पुष्प अर्पित किये थे और आज जब शहादत हुई है तो लोक सभा के चुनाव चार साल दूर है, श्री तिवारी ने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार को भरोसा दिलाती है कि वह चीन के खिलाफ जो भी कदम उठायेगी कांग्रेस उसका स्वागत व समर्थन करेगी। श्री तिवारी ने देश के उन सभी अठारह अन्य जवानों को जो लेह के अस्पतालों में भर्ती है और अटठावन अन्य जवान जो अन्य अस्पतालों में भर्ती है इन जवानों के पूर्ण रूप से शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है । पत्रकारों से रूबरू कांग्रेस के नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी अविश्वसनीय घटना घटित होने पर भारत की सेना का अधिकृृत बयान आ भी गया किन्तु प्रधानमंत्री मोदी को दूसरे दिन बारह बजे तक का इंतजार करना पड़ा और शहीदों को श्रद्धांजलि देने की औपचारिकता भी निभाई जाने में मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन के पूर्व पीएम का मौन रहना देश के लिये पीड़ादायक है। पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री सहित पूरे देश को चीन की भर्त्सना ही नहीं करनी चाहिए बल्कि यह समय मात्र अपील किये जाने का नहीं है वरन्् इस समय पूरे दृृढ़ता के साथ यह तय होना चाहिए कि चीन न कभी भरोसेमंद था और न अब है और न ही कभी आगे रहेगा । श्री तिवारी ने सरकार से यह भी सवाल पूछा है कि देश की सुरक्षा के लिये यह जानकारी अब जरूरी हो गयी है कि गलवान घाटी में अभी भी चीनी सैनिक है या चले गये तथा क्या चीन का झण्डा अभी भी सीमा के इस तरफ लगा है इस पर भी पी एम देश को विश्वास में लें । वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने प्रधानमंत्री पर चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी.जिपनिंग की तत्कालीन भारत यात्रा के दौरान उन्हें चीन से सीधे गुजरात के अहमदाबाद ले जाने और जनता से जिन्दाबाद के नारे लगवाये जाने के साथ अभूतपर्वू स्वागत को भी आज की इस दुःखद स्थिति को लेकर असंवेदनशीलता करार दिया है उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को उस समय यह याद रखना चाहिए था कि 1962 मंे पंडित जवाहर लाल नेहरू और देश के साथ चीन द्वारा किये गये धोखे की पीड़ा कैसे भुलायी जा सकती थी । श्री तिवारी ने केन्द्र से कहा है कि देश भारतीय सेना के साथ है सरकार का नेतृृत्व अब इन्दिरा जी द्वारा 1967 में दिखाये गये तेवर को अख्तियार करते हुये चीन के साथ अपने भू-भाग को पूरी तरह सुरक्षित करे । इस मौके पर ज्ञान प्रकाश शुक्ल, सुरेन्द्र सिंह ददन, संतोष द्विवेदी, केडी मिश्रा, अशोक सिंह बबलू, आशीष उपाध्याय रहे ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 

Below Post Ad

5/vgrid/खबरे