ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। जिले के कोतवाली देहात की खोरहंसा चौकी क्षेत्र का काजी तरहर व रसूलपुर गांव अवैध कच्ची शराब के लिए कुख्यात है। यहां अवैध कच्ची जहरीली शराब का कारोबार इलाकाई पुलिस और आबकारी विभाग की साठगांठ से गोरखधंधे का रूप ले चुका है। इस इलाके में खुलेआम जहरीली शराब की भट्ठियां धधकती हैं। जानकारी के अनुसार इसके एवज में पुलिस तथा आबकारी विभाग द्वारा कारोबारियों से प्रतिमाह एक निश्चित रकम वसूल की जाती है। महज कुछ रूपयों के लालच में ये खाकी वर्दीधारी गरीबों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।
शाम होते ही गुलज़ार हो जाती मंडी
कोतवाली देहात थाना क्षेत्र की खोरहंसा चौकी हमेशा सुर्खियों में रहती आई है। सूत्रों के अनुसार खोरहंसा चौकी क्षेत्र के काजी तरहर व रसूलपुर-नायक देवता गांव में कच्ची शराब का कारोबार परवान चढ़ा हुआ है। इसके साथ ही क्षेत्र में करीब आधा दर्जन जुए के फड़ भी संचालित हो रहे हैं। शराब के अड्डों पर जैसे-जैसे दिन गुजरता है, वैसे-वैसे ‘मण्डी’ गुलजार होने लगती है। शाम होते ही घरों और गन्ने के खेतों में शराबियों का मेला लग जाता है।
छापेमारी के पहले सावधान हो जाते धंधेबाज और पुलिस
बता दें पुलिस और आबकारी विभाग के संरक्षण में जहरीली शराब का धंधा परवान चढ़ा हुआ है। यहां खुलेआम गरीबों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जाता है। कच्ची शराब पीकर आए दिन लोग असमय ही जान गंवा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद खाकी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। बताया जाता है कि काजी तरहर व रसूलपुर-नायक देवता गांव में जब छापा मारने का प्लान बनता है, तो पुलिस द्वारा इसकी सूचना शराब के धंधेबाजों को पहले ही दे दी जाती है, जिससे वे सावधान हो जाते हैं।
इलाके में है पुलिस की मेहरबानी
खोरहंसा चौकी क्षेत्र में जुआ खेलने के फड़ भी संचालित हो रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि इन पर भी इलाकाई पुलिस की मेहरबानी बरसती है। इन फड़ों को चलवाने वाले चौकी के दलाल हैं जो सब मैनेज करा देते हैं। बताया जाता है कि जुआरियों को दिनभर के लिए रूपये ब्याज पर उपलब्ध कराए जाते हैं। यह गोरखधंधा भी खोरहंसा के ही कुछ लोगों द्वारा किया जाता है।
तत्कालीन चौकी प्रभारी रतन कुमार पांडेय ने इन गोरखधंधों पर काफी हद तक लगाम कसा था लेकिन उनके यहां से जाने के बाद सिस्टम फिर पुराने ढर्रे पर ही लौट आया।
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