अखिलेश्वर तिवारी/वेद मिश्र
जनपद बलरामपुर के जय पैलेस सभागार में चीनी मिल मजदूर संघर्ष समिति की मंडलीय बैठक आयोजित की गई । बैठक में संघर्ष समिति से जुड़े विभिन्न मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। नेताओं ने ऐलान किया कि यदि केंद्र सरकार तथा प्रदेश सरकार ने श्रमिकों की मांगों को नहीं माना तो आर पार की लड़ाई निश्चित है । रविवार को चीनी मिल कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं को लेकर मजदूर संगठनों की बैठक इंटक के प्रतिनिधि उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में बुलाई गई थी । बैठक में संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक उमाशंकर मिश्रा, एटक के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण तिवारी तथा सीटू के वरिष्ठ नेता प्रेम नाथ राय सहित कई संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे ।
जानकारी के अनुसार चीनी मिल मजदूर संघर्ष समिति की बैठक रविवार को श्रमिकों के विभिन्न मांगों को लेकर आयोजित किया गया । बैठक को संबोधित करते हुए उमाशंकर मिश्रा ने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण आज प्रदेश तथा देश के चीनी मिल मजदूर आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। पूंजी पतियों के दबाव में सरकारें लगातार मिल श्रमिकों के हितों की अनदेखी करती चली आ रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी जायज मांगों को भी सरकार नजरंदाज कर रही है । बैठक में एटक के नेता सतनारायण तिवारी ने कहा कि वर्तमान समय में केंद्र की मोदी सरकार पूंजी पतियों के दबाव में श्रमिक विरोधी कार्य करने पर उतारू है । दशकों पूर्व बनाए गए श्रम कानूनों को समाप्त करने का कुचक्र मोदी सरकार कर रही है। केंद्र की मोदी सरकार ने श्रमिकों तथा कारखाना के हित में बनाए गए 44 कानूनों को समाप्त कर पूंजीपतियों के हित में केवल चार कानून बनाकर श्रमिकों के शोषण का पूरा खाका तैयार कर लिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार मनमानी पर उतारू है। पहली बार ऐसा हुआ है जब किसानों के साथ मिलकर सरकार को झुकने पर मजबूर किया जा सका है। उन्होंने आगाह किया कि यदि सरकार श्रमिकों के हित में पुराने कानूनों को वापस नहीं किया तो आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। सीटू के वरिष्ठ नेता प्रेम नाथ राय व इंटक के प्रतिनिधि के रूप में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उमेश मिश्रा ने अपने संबोध में चीनी मिल मजदूरों के वेतन को बढ़ाने तथा सभी सुविधाएं प्रदान करने की मांग उठाई । मंच का संचालन कर रहे श्रमिक नेता सुधांशु प्रताप सिंह ने कहा कि चीनी मिल मजदूर का वेतन उसी ग्रेड के सरकारी कर्मचारी से आधे से भी कम है। एक समय था जब प्राइमरी स्कूल के अध्यापक का वेतन इन्हीं मिल मजदूर के वेतन से कम था। आज स्थिति उल्टा हो चुका है। उन्होंने सरकार से मांग किया की तत्काल सरकार द्वारा श्रमिक संगठनों तथा मिल मालिकों के साथ बनाई गई समितियों से वार्ता करके वेतन में वृद्धि सातवें वेतन आयोग के अनुरूप किया जाए तथा अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाए । बैठक में श्रमिक नेता मंगल प्रसाद शर्मा, बृजेश सिंह, संजय तिवारी तथा जय प्रकाश सिंह सहित कई नेताओं ने अपने विचार रखे ।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ