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Sant kabir nagar सुरक्षित प्रसव व जटिलता प्रबन्‍धन के लिए दक्ष हुई स्‍टाफ नर्सेज



स्किल बर्थ अटेंडेण्‍ट के 21 दिवसीय प्रशिक्षण में उच्‍च जोखिम पर विशेष जोर

मातृ व शिशु मृत्‍युदर को रोकने के लिए नर्सेज को सुझाए गए विविध उपाय

आलोक कुमार बर्नवाल

सन्तकबीरनगर। सीएमओ डॉ हरगोविन्‍द सिंह ने कहा कि स्किल बर्थ अटेंडेण्‍ट मातृ व शिशु मृत्‍यु दर को कम करने में काफी सहायक होंगी। उन्‍हें जो 21 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्‍त हुआ है वे उसका पूरी तरह अपने प्रसव केन्‍द्र पर कियान्वित करें । मानक के अनुसार सुरक्षित प्रसव ही हमारा मुख्‍य उद्देश्‍य है। यह बातें उन्‍होने जिला चिकित्‍सालय के हौसला ट्रेनिंग सेण्‍टर में स्किल बर्थ अटेंडेण्‍ट के 21 दिवसीय प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम के अवसर पर उन्‍हें प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए कहीं।

इस दौरान सीएमएस डॉ ओपी चतुर्वेदी ने कहा कि इस प्रशिक्षण के दौरान 5 दिनों का क्लिनिकल व सैद्धान्तिक प्रशिक्षण दिया गया। उसके पश्‍चात स्‍थानीय जिला अस्‍पताल में उन्‍हें प्रसव कार्य के दौरान होने वाली जटिलताओं को पहचानने और उनके त्‍वरित निदान का प्रशिक्षण जिला चिकित्‍सालय में 3 चरणों में दिया जा रहा है। उन्‍हें रेफरल मैनेजमेण्‍ट के बारे में गहनता से जानकारी प्रदान की गई। एसीएमओ आरसीच डॉ मोहन झा ने कहा कि प्रसव के दौरान कई तरह के जोखिम सामने आते हैं। आवश्‍यकता है कि हम इन्‍हें समय पर पहचानें तथा उनका निदान करें। जरुरत पड़ने पर उच्‍च स्‍वास्‍थ्‍य इकाइयों को केस संदर्भित करें। समय प्रबन्‍धन की तकनीक से हम मातृ मृत्‍युदर को रोक सकते हैं। इस दौरान स्‍टाफ नर्स सुचिता तिवारी सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र खलीलाबाद ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान हमें उन सभी बातों से अवगत कराया गया जो प्रसव की प्रक्रिया को आसान बनाता है। चित्र कला यादव सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र नाथनगर ने कहा कि उच्‍च जोखिम की गर्भावस्‍था को पहचानने की जो तकनीक बताई गई है वह हमारे कार्य में आगे काफी लाभकारी होगी। इस दौरान सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र शनिचरा बाजार की स्‍टाफ नर्स नीलम, संयुक्‍त जिला चिकित्‍सालय की अर्चना पाण्‍डेय, नीलम शनिचरा बाजार, अर्चना पाण्‍डेय संयुक्‍त जिला चिकित्‍सालय ने भी अपने विचार रखे। प्रशिक्षण में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ आर पी राय, ट्रेनर राधिका पाठक, निर्मला , जिला चिकित्‍सालय की नर्स मेण्‍टर श्रुति मिश्रा ने सक्रिय सहयोग दिया। वहीं उत्‍तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई ( यूपीटीएसयू ) के जिला तकनीकी विशेषज्ञ के सहयोग से 21 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण सम्‍पन्‍न हुआ।

ये रहे प्रशिक्षण के महत्वपूर्ण बिंदु

प्रशिक्षण के दौरान प्रसव के पूर्व गर्भावस्था में देखभाल, प्रसवकालीन प्रसूति पीड़ा और प्रसव के दौरान देखभाल,प्रसव उपरांत शिशु जन्म के बाद देखभाल, नवजात शिशु की जरूरी देखभाल, पीपीएच ( प्रसवो परान्‍त रक्‍तश्राव ) एक्‍लेम्सिया ( प्रसव के दौरान झटके आना ) प्रसव पूर्व जांच का तरीका क्‍या है, प्रसव के दो घण्‍टे तक भी जच्‍चा बच्‍चा की देख रेख, प्रसव के बाद के जोखिम की विस्तृत जानकारी के साथ स्किल लैब में माडल पर प्रैक्टिस, ओपीडी एरिया व लेबर रुम में भी कुशल प्रशिक्षण दिया गया।

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