इमरान अहमद
मनकापुर गोण्डा :योगी सरकार प्रदेश में कोरोना से जंग लड़ने के लिए भले ही हर तरह से प्रयास कर रही हो मगर यहाँ उन्ही के सरकार के सांसद,विधायक और अफ़सर उनके प्रयासों की हवा निकाल रहें हैं।यहाँ लाखों की आबादी वाले क्षेत्र के सरकारी अस्पताल कोरोना के खिलाफ लड़ रही निर्णायक जंग में बिना कोविड अस्पताल,वेंटिलेटर बेड,आक्सीजन के निहत्थे हैं।
मनकापुर समुदायिक स्वास्थ केंद्र कोरोना की दूसरी और भयानक लहर में संसाधनों की कमी से जूझ रहा है।अस्पताल में वेंटिलेटर बेड व ऑक्सीजन मौजूद नहीं है। यहां तक कि जरूरत मंद मरीजों को सही समय पर उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। कोरोना की बीत रही दूसरी लहर व आने वाले तीसरी लहर को शासन,प्रशासन ने नजरअंदाज कर आगे की जरूरतों को ध्यान में रखकर खास तैयारी नहीं कर रही है। जिसका खामियाजा मनकापुर की जनता भुगत रही है।बीते दिनों राजधानी और देश के बाक़ी शहरों के अस्पतालों में जो मंज़र गुज़रा है उसने लिए 'भयावह' शब्द भी छोटा है। हर पल एक-एक साँस के लिए तड़पकर दम तोड़ने वालों की कितनी ख़बरें देखि पढ़ी गयी। उसके बावजूद भी कोरोना से जंग लड़ने के लिए प्रशासन तैयार नहीं नज़र आ रही है।यहाँ लाखों की आबादी वाले विधानसभा क्षेत्र मनकापुर के समुदायिक स्वास्थ केन्द्र में ना तो कोविड अस्पताल बनाया गया और ना ही एक भी वेंटिलेटर लगाया गया है।जिससे मरीज़ों को भारी परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा। तिमारदार अपने मरीज़ों को इलाज कराने या तो यहां से 30 किलोमीटर जनपद मुख्यालय जाएं या फिर लखनऊ ले जाए।ये हाल वहां का है जहाँ के विधायक रमापति शास्त्री योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर आसीन हैं।और यहीं भाजपा के सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया भी निवास करते हैं। जनप्रतिनिधियों की इस बेरुखी की मार मनकापुर की जनता झेल रही है।मनकापुर में अब तक (सरकारी आकड़ों के अनुसार) 545 कोरोना पॉजिटिव मरीज़ पाए गये हैं,जिन में पाँच लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है।और वर्तमान में अभी भी 21 एक्तीवेट केश हैं।ये आकड़ें तो महज बानगी भर है।सूत्रों की मानें तो कस्बे व ग्रामीण क्षेत्रों में कुल मिलाकर अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। मगर फ़िर भी मनकापुर की स्वास्थ सेवाएँ राम भरोसे चल रही है।
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