वासुदेव यादव
यूपी के जनपद आजमगढ़ के एक छोटे से गाँव भदसार के निवासी हरिश्चन्द्र यादव के ज्येष्ठ पुत्र नरसिंह यादव ने कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में चयनित होकर अपने गरीब परिवार के साथ गाँव और क्षेत्र का नाम रोशन किया है। नरसिंह यादव ने अपने कठिन परिश्रम के बल पर कुल 21 सीटों में अपनी जगह बनाई है। 21 जून को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के वनस्पति संरक्षण स॑गरोध एवं संग्रह निदेशालय फरीदाबाद में 'सहायक पादप संरक्षण अधिकारी' के पद पर नियुक्ति के पश्चात खुद गौरवान्वित महसूस कर रहें हैं। नरसिंह की तीसरी सफलता यह दर्शाती है कि ईश्वर जब देता है तो छप्पर फाड़ के देता है। इसके पूर्व नरसिंह का चयन उत्तर प्रदेश के गन्ना विभाग में गन्ना-पर्यवेक्षक तथा उ0प्रदेश के कृषि विभाग में प्राविधिक सहायक के पद पर भी हो चुका है परंतु अभी नियुक्ति-पत्र प्राप्त होना शेष था। नरसिंह यादव का कहना है कि
"मेरे अधिकारी बनने के पीछॆ का श्रेय मेरी माता श्रीमती शकुन्तला देवी और पिता हरिश्चंद्र यादव,दादा-दादी तथा बुआ पुष्पा यादव और छोटे भाइयों का है जो कि पढ़ाई के दौरान मुझे हमेशा प्रेरित करते रहते थे। सबसे बड़ी प्रेरणा मुझे आज भी अपने दादा जी़ से मिलती है जो 70 साल के होने के बावजूद भी आय के लिये खेतों में मेहनत करके सब्जियां उगाते हैं,आराम करने की उम्र मे भी दादा जी इतनी मेहनत करते हैं,तो हम तो अभी युवा हैं।"
इस पद पर पहुँचने का एक बड़ा योगदान हमारे पड़ोसी बड़े भाइयों जिसमें अजीत भैया( प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय ) संदीप भैया( कृषि प्राविधिक सहायक ) तथा समाजसेवी दारोगा रंजीत यादव ( चौकी प्रभारी रामपुर भगन,अयोध्या) और मेरे मित्र मंजीत यादव (सहायक अध्यापक) जिनसे मै प्रेरित होकर उचित मार्गदर्शन लेकर आगे बढ़ा। साथ ही साथ रंजीत भैया के पिता श्री श्रीपति यादव जिनको मै बड़े पापा कहता हूँ, जब भी उनके पास बैठता हूँ हमेंशा एक ही बात कहते हैं- "कभी भी कठिन परिस्थितियों को देखकर घबराना नहीं,पूरी लगन,ईमानदारी और निष्ठा के साथ कोई भी कार्य करना, सफ़लता अवश्य मिलेगी!"
नरसिंह ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय भदसार व हाईस्कूल तथा इंटरमीडिएट की परीक्षा पब्लिक इंटर कॉलेज,शाहगंज से उत्तीर्ण किया है। कृषि विषय से स्नातक एवं स्नातकोत्तर की उपाधि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्ववविद्यालय,जौनपुर के नामचीन कॉलेज टी0डी0 कॉलेज से प्राप्त किया है। इन्होंने घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण निजी-खर्चों व किताबों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर मे लगभग एक वर्ष कार्य भी किया है। परन्तु पिताजी और परिवार वालों के कहने पर सब कुछ छोड़ कर अपना पूरा ध्यान अध्ययन पर लगाकर तीन भाइयों में सबसे बड़े नरसिंह यादव ने एक साथ तीन सरकारी नौकरियों चयन प्राप्त कर खुद को साबित करने के साथ अपने परिवार का सहारा भी बन गए हैं।
नरसिंह ने बताया कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद भी माता-पिता ने शिक्षा के महत्व को समझते हुये मुझे उच्च शिक्षा दिलाने के लिये जो त्याग तपस्या किया वह मेरे जीवन में अहम निर्णय लेने के लिये अति-महत्त्वपूर्ण था। यह मेरे परिवार की महानता को दर्शाता है। मेरे माता पिता मेरे ईश्वर हैं। मैं अपने गुरुजनों और मित्रों का जीवन भर आभारी रहूँगा जिन्होंने मुझे निर्देशन और सहारा दिया। धन्यवाद। श्री यादव की सफलता पर दरोगा रणजीत यादव ने हर्ष जताया है व कहा कि आज के युवा इनसे प्रेरणा लेकर अपना सपना कैरियर साकार करें।
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