सुनील उपाध्याय
बस्ती जिले के दुबौलिया विकासखंड के गांव किनारे सरयू नदी का पानी जैसे-जैसे कम होता जा रहा है किनारे बसे गांव के लिए मुसीबत बनता जा रहा है और बढ़े जलस्तर से दलदली हुई जमीन कट कर नदी में समाहित होती जा रही है। बाढ़ खंड बचाव के नाम पर खानापूर्ति में लगा हुआ है । केंद्रीय जल आयोग अयोध्या की माने तो सोमवार को दिन में दस बजे नदी का जलस्तर 92,13 मीटर रिकॉर्ड किया गया।
जल कर्मियों की माने तो नदी के जलस्तर में अभी और कमी आनी है ऐसे में दुबौलिया ब्लॉक के नदी किनारे बसे तटबंध विहीन आपदा ग्रस्त गांव की जमीनें खास कर कटारिया चादपुर टकटकवा गौरा तिवारी पुर दलपतपुर का पड़ाव क्षेत्र और गांव के पास आबादी की जमीन में कटान तेजी से हो रही है। ग्रामीणों की माने तो सोमवार को करीब एक मीटर जमीन देखते ही देखते नदी में समाहित हो गई । वही किनारों पर बड़ी-बड़ी दरारें दिखने लगी हैं जिससे ग्रामीण सहमें हुए हैं।
नदी से महज 9 मीटर दूर बसी आबादी हो रही कटान से दहशत में है। वही बाढ़ खंड बचाव के नाम पर महज खानापूर्ति में लगा हुआ है । गांव के राधेश्याम प्रेमचंद शिवकुमार यादव जगदीश चौहान सिया राम यादव सहित ग्रामीणों का कहना है कि यदि नदी की कटान ऐसे ही होती रही तो वह दिन दूर नहीं कि हमारे आसियानों पर संकट मंडराने लगेगा। वही बाढ़ खंड व प्रशासन से लगातार स्थाई उपाय की मांग की जा रही है पर अभी तक महज बचाव के नाम पर खानापूर्ति के सिवा कुछ दिखाई नहीं दिया है ।टकटकवा पड़ाव क्षेत्र में बसे 10 घरों की आबादी पर भी अस्तित्व का संकट मंडरा रहा है लगातार प्रशासन व बाढ़ खंड से गांव में बचाव कार्य कराने के लिए कहा जा रहा है पर बाढ़ खंड तकनीकी समस्या का हवाला देकर काम नहीं शुरु करा पाया है
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