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कोरोना वायरस के संक्रमण को जागरूकता और प्राकृतिक उपचारों भी हराया जा सकता है :डॉ वीके वर्मा

 

सुनील उपाध्याय

बस्ती। जिला चिकित्सालय के आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी.के. वर्मा ने कहा कोरोना वायरस के संक्रमण को सामान्य तौर पर लेना होगा। दूसरी, तीसरी या कोई भी लहर हो कोरोना वायरस से होने वाला संक्रमण अन्य तमाम संक्रमण की तरह ही है। बड़े पैमाने पर जागरूकता और प्राकृतिक उपचारों की मदद से कोरोना वायरस के संक्रमण को भी हराया जा सकता है। आयुष विभाग के नोडल अधिकारी डा. वी.के. वर्मा ने कहा होमियोपैथी, आयुर्वेद, एक्यूप्रेशर, यूनानी तथा प्राकृतिक उपचारों में कोरोना जैसे खतरनाक वायरस से लड़ने की क्षमता है।

बशर्ते व्यक्ति संयमित होकर नियमित तरीके से इन उपचारों को अपनाये और खुद के स्तर से किये जाने वाले प्रयासों में भी पीछे न रहे। संक्रमण चाहे कोरोना वायरस से हो या फिर सामान्य वायरस से, ऐसे मामलों में खुद का संयमित होना बहुत जरूरी होता है। लापरवाही और संयमित न होने के कारण सामान्य और आसानी से ठीक होने वाला रोग भी जानलेवा हो सकता है। इसलिये कोरोना को हराना है तो खुद को संयमित रखना होगा। हमारे बीच एक बड़ी आबादी मास्क और दो गज की दूरी का पालन करना भूल चुकी है। मास्क का नियमित प्रयोग, दो गज की दूरी और बार बार साबुन से हाथ धुलना, बार बार हाथ मुंह और आंखों पर हाथ न फेरना, सार्वजनिक स्थानों पर न थूकना, आयुष काढ़ा पीना, रोजाना 30 मिनट तक योगा करना, छींकते या खासते समय टिशू पेपर या रूमाल का इस्तेमाल करना ऐसे उपाय हैं जो आपको संक्रमण से बचाते हैं।

ये सारी सावधानियां नियमित रूप से एक संयमित व्यक्ति ही अपना सकता है। ऐसा करने पर यदि आप जाने अंजाने संक्रमित व्यक्ति के निकट भी चले जाते हैं तो आप सुरक्षित रहेंगे। इन सिद्धान्तों को जानने वाले बहुत हैं लेकिन इन्हे अपनी दिनचर्या में शामिल करने वाले बहुत कम। कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है तो घबराने की जरूरत नहीं है. शुरुआत के चार दिनों में इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. इन चार दिनों में वायरस आपके गले में रहता है और शरीर में फैलने की कोशिश करता है. वायरस इस समय सबसे ज्‍यादा शक्तिशाली होता है।


ऐसे में सेहतमंद खाना खायें, भाप लें, एक्‍सरसाइज से अपने फेफड़ों को दुरुस्‍त रखने की कोशिश करें. आयुष काढ़ा लेते रहें। ऑक्सीजन लेवल, बीपी और टेंपरेचर मॉनिटर करना न भूलें। आयुष विभाग के नोडल अधिकारी डा. वीके वर्मा ने कहा कि होमियोपैथी में कोरोना वायरस को हराने की पूरी शक्ति है। कोरोना बीमारी में सबसे ज्यादा श्वसन तंत्र ही प्रभावित होता है। क्षतिग्रस्त श्वसनतंत्र कोरोना वॉयरस को शरीर में पनपने का उपयुक्त वातावरण उपलब्ध कराता है।

कारगर है होम्योपैथी

डा. वी.के. वर्मा ने कहा इसमें क्लोरम, ओजोनम, काली ब्रोमियम, काली क्लोरम जैसी दवाएं शामिल हैं। इन दवाओं का इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह पर ही किया जाना चाहिए। आर्सेनिक एलबम 30 इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगर हो सकता है। आक्सीजन लेवल बनाये रखने के लिये एस्पिडोस्पर्मा कारगर हो सकता है। इस औषधि के प्रभाव से खून में यूरिया बढ़ जाती है जिसके कारण श्वास से संबन्धित अनेक रोग, दमा रोग ठीक हो जाता है। यह श्वास केन्द्रों को उत्तेजित करती है और रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है।

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