इमरान अहमद
मनकापुर गोण्डा: कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के कारण उपजे आर्थिक तंगी व अपनी बीमारी से जूझ रहे एक व्यापारी ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना पर पंहुची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है ।
सुसाइड नोट |
कोतवाली क्षेत्र मनकापुर के सुभाष नगर मोहल्ला निवासी काली प्रसाद उर्फ भगेलु पटवा पिछले कई वर्षों से मनकापुर चौक में फ़ुटपाथ पर दुकान लगाकर डाल,मौर व शादी विवाह से संबंधित सामान बेचते थे।
सुसाइड नोट का दूसरा टुकड़ा |
पिछले लगभग 10 महीनों से उनकी दुकान बंद थी।बताया जाता है की कोरोना काल में चले अतिक्रमण अभियान के दौरान पुलिस-प्रशासन ने उनकी फ़ुटपाथ की दुकान हटा दी थी।तब से वह बेरोज़गार हो गये थे। दुकान बंद होने से आर्थिक तंगी आने व अपनी बीमारी के कारण मानसिक तनाव में रहने लगे।बताया जाता है की वह कई बीमारियां से ग्रसित थे।बताया जाता है की वो बड़े ही स्वाभिमान व्यक्ति थे,किसी से कुछ माँगते नहीं थे।आस पास के लोगों से कुछ मदद मिल जाती थी व घर पर ही उनकी बीबी टॉफ़ी,बिस्किट बेचती थी। जिससे किसी तरह उनकी जीविका चलती थी।रविवार देर रात आर्थिक तंगी से तंग आकर व्यापारी ने घर में फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली।मृतक की दो बेटियां थी जिनका विवाह थाना वजीरगंज क्षेत्र में हुआ है।मृतक घर में अपनी बीबी के साथ रहता है,मरने से पहले उसने सोसाइट नोट लिखा था।जिसमें उसने टूटे फूटे शब्दों में कहा है की..
हम गरीबी से बहुत परेशान हूं।चौक मा दुकान करत रहेन।लॉकडाउन के पहले पुलिस वाले दुकान खाली कराए दिहीन। तब से एक एक पैसा से परेशान हूँ। बीमार भी हूँ,आंख के आपरेशन कराया हूँ। आंख खराब होय गवा है,बहुत गड़त है आंख भारी भारी है,कड़वात भी है,मुंह मा घाव भी है और बीoपीoभी है,कान से भी कुछ सुनाए नाय पड़त है अब। 15 दिन होय गवा आंख लाल है,एक ही आंख से देख पाईत हैअब हम आत्महत्या कर रहा हूँ।
पति के मौत से बेवा हुई पत्नी का रो रोकर बुरा हाल है।वहीं दोनों बेटियां व दामाद भी गहरे सदमे में हैं। फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस प्रशासन द्वारा दुकान हटाए जाने पर जब कोतवाल श्याम बहादुर सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया की प्रशासन द्वारा हटाए जा रहे अतिक्रमण के दौरान इनका भी दुकान आया होगा तो पुलिस ने दुकान हटा दिया होगा
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