गिरवर सिंह
झांसी :महामारी के चलते सरकार का फरमान था कि हाई स्कूल और इंटर के छात्र छात्राओं को बिना परिकसा दिलाए पिछले अंको केआधर पर सभी को उत्तीर्ण किया जाए लेकिन मऊरानीपुर के एक विद्यालय केछात्र छात्राओ को प्रबंधक और प्राचार्य के द्वारा जान बूझकर फैल करा दिया गया इसका कारण विद्यालय द्वारा बच्चों से फीस लेने के बाद बोर्ड परीक्षा की फीस जमा न करना बताया गया है। नई बस्ती स्थित प्रताप इंटर नेशनल विद्यालय के छात्र एवं छत्राओ में तुलसी अग्रवाल, शुस्मिता सिंह,गुंजन चतुर्वेदी,साधना दिच्छत,रुचि अहिरवार, अभिलाषा अहिरवार, छाया सिंह, निधी आर्य,खुशबू, कृष्कात पटेल,राजा सोनकर,अंकित सोनी,हर्ष दिछित, गोवर्धन, नितेश रैकवार,हरदेव सिंह,रवि सोनकर, आदर्श परिहार,पुनीत सिंह आदि ने उपजिलाधिकारी के नाम दिए शिकायती पत्र में बताया कि वह सभी उक्त स्कूल में इंटर के विद्यार्थी है।
प्रिंसपिल एवं प्रबन्धक पर आरोप लगाया कि स्कूल में दाखिला लेते समय उन्हे विश्वास दिलाया गया था कि विद्यालय दिल्ली से सी बी एस ई मान्यता प्राप्त है। कोरोना काल में सरकार द्वारा सभी विद्यार्थियों को पास करने का आदेश दिया गया था।लेकिन विद्यालय द्वारा उनके साथ धोखा धडी कर उन्हें फैल कर दिया गया जिससे उनका भविष्य अंधकार मय हो गया।दिए शिकायती पत्र में स्कूल के प्रधानाचार्य एवं प्रबन्धक के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए पास होने का प्रमाण पत्र दिलाया जाए।
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