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मोतीगंज के दुर्जनपुर में बगैर परमिट के काट लिए सागौन के 15 पेड़

पुलिस और वन विभाग की साठगांठ से मोतीगंज क्षेत्र में किया जा रहा वृक्षों का सफाया

सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे जिम्मेदार, माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की दरकार

ए. आर. उस्मानी

गोण्डा। वैसे तो मुख्यमंत्री तथा वन्य जीव संरक्षण मंत्री सूबे में वृक्षारोपण महाभियान चलाकर पर्यावरण संरक्षण के लिए अरबों रूपये खर्च कर चुके हैं, लेकिन पुलिस और वन महकमा मोटी कमाई के लिए वन माफियाओं से साठगांठ कर प्रतिबंधित वृक्षों का सफाया करा रहा है।


ताजा मामला जिले के मोतीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत दुर्जनपुर के शेरापुर गांव निवासी हजारीलाल वर्मा के सागौन के करीब 15 पेड़ काट लिए गये। शिकायत के बाद भी इस मामले में न तो पुलिस कोई कार्रवाई कर रही है और न ही वन विभाग। ऐसे में पुलिस तथा वन विभाग के लोग सरकार के मंसूबे पर पानी फेर रहे हैं।

    मोतीगंज थाना क्षेत्र में इन दिनों हरे-भरे प्रतिबंधित पेड़ों की कटान जोरों पर है। यह कटान बगैर परमिट के पुलिस व एवं वन विभाग की मिलीभगत से की जा रही है। तीन दिन पूर्व भरोसा गांव में बगैर परमिट के आम का विशाल पेड़ काट लिया गया, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी। इसी तरह दुर्जनपुर (शेरापुर) गांव निवासी हजारीलाल वर्मा के सागौन के करीब 15 पेड़ों को बिना परमिट के काट डाला गया। इस बारे में पूछने पर मोतीगंज पुलिस ने अनभिज्ञता जताई। वन विभाग का फारेस्ट गार्ड भी चुप्पी साध गया, लेकिन मौके पर मिली पेड़ों की जड़ों की तस्वीरें वन माफिया और पुलिस व वन विभाग के गठजोड़ का खुलासा करने के लिए पर्याप्त हैं।

   


सूत्र बताते हैं कि मोतीगंज थाना क्षेत्र में प्रतिदिन हरे भरे प्रतिबंधित पेड़ों की खुलेआम कटान होती है जिसके बदले में पुलिस तथा वन विभाग एक निश्चित मोटी रकम लेता है। यहां जंगल की रखवाली के लिए तैनात किए गए वन रक्षक ही भक्षक बनकर हरे भरे प्रतिबंधित पेड़ों को रूपये के लालच में धराशाई करा रहा है। सरकार वृहद स्तर पर प्रदेशभर में वृक्षारोपण महाअभियान चलाकर पर्यावरण संरक्षण का प्रयास कर रही है, जबकि वन और पुलिस विभाग सरकार की मंशा पर पानी फेरते हुए वृक्षों के सफाए के लिए अभियान चला रहे हैं।

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