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बस्ती: न्याय को लेकर नाउम्मीद हो आत्मदाह करने पहुंची ननद-भाभी

सुनील उपाध्याय

बस्ती।‘मेरे भाई राजमंगल सिंह ने गांव की एक संभ्रांत महिला को टोनहिन कहा। महिला ने अपने परिजनों को जानकारी दी। उनके परिजन मेरे भाई को उठा ले गए। घटना दो नवंबर 2019 की है। उसी दिन से उसका कुछ पता नहीं चला। चार दिन बाद सरयू नदी में तैरती एक लाश मिली। 


समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर के मुताबिक कपड़े आदि उसके थे। पोस्टमार्टम हाउस पहुंच कर शिनाख्त कराने को कहा तो पुलिस ने नहीं कराया। अधिकारियों का दरवाजा खटखटाया तो भी मुकदमा नहीं दर्ज हुआ। बाद में किसी तरह मुकदमा दर्ज किया तो कोई कार्रवाई नहीं की।


यह शिकायत लेकर राजमंगल सिंह की पत्नी रिंकी सिंह निवासी पाही माफी थाना दुबौलिया और उनकी बहन शकुंतला देवी सिंह चौहान गुरुवार को डीएम कार्यालय पहुंची। केरोसिन तेल से भरा गैलन लेकर पहुंची दोनों महिलाओं ने कहा कि उन्होंने सरकार में उच्च पदों पर बैठे करीब दो दर्जन राजनेताओं व अधिकारियों का दरवाजा खटखटाया, लेकिन न्याय नहीं मिला। मजबूरन अब डीएम कार्यालय के समक्ष आत्मदाह करने आई हैं।


शकुन्तला ने बताया कि 28 सितम्बर 2020 को मुख्यमंत्री से मिली। उसके बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का दरवाजा खटखटाया।


 स्वामी प्रसाद मौर्य से मिलकर न्याय की गुहार लगाई तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के दरवाजे पर मत्था टेका। कानून मंत्री बृजेश पाठक और अपर गृह सचिव अवनीश अवस्थी से भी कई बार मिलकर न्याय मांगा। आधा दर्जन से अधिक भाजपा प्रदेश कार्यालय गई। तीन बार डीजीपी से मिली। तीन-तीन बार राज्य महिला आयोग व मानवाधिकार आयोग के भी चक्कर लगाए। भाजपा नेता पंकज सिंह, महंत नृत्य गोपालदास, राज्यमंत्री श्रीराम चौहान और लक्ष्मण चौधरी से गुहार लगाई। भीषण ठंड में डेढ़ महीने तक लखनऊ के रैन बसेरा में समय काटते हुए मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास किया।


पत्नी रिंकी सिंह ने बताया कि बस्ती कोई अधिकारी ऐसा नहीं है, जिसके चौखट पर माथा न टेका हो। एक इंस्पेक्टर ने बहुत जलील भी किया। आए दिन गाली दी। तत्कालीन डीएम, सीओ, इंस्पेक्टर ने भी गलत सूचना उच्चाधिकारियों को दिया। सबने राजमंगल की हत्या को एक्सीडेंट दिखा दिया। जबकि आरोपी उन्हें घर से पीटते हुए ले गए थे। इसकी जांच किसी ने नहीं की। इसी दौरान एक दरोगा ने सादे कागज पर अंगूठा लगवा कर गलत इस्तेमाल किया। अब हम सभी के पास सिवाय आत्मदाह के लिए कोई रास्ता नहीं बचा है।


...आत्मदाह की सूचना पर पहुंचे मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारी,,


डीएम कार्यालय परिसर में तेल भरा गैलन लेकर आत्मदाह करने पहुंची दो महिलाओं की सूचना पर हड़कंप मच गया। आनन-फानन में तहसील सदर से एक मजिस्ट्रेट गाड़ी लेकर पहुंचे। कुछ ही देर में चौकी प्रभारी सिविल लाइन गौरव सिंह भी हमराही के साथ आ गए। अधिकारियों ने काफी समझाया। इस दौरान महिलाएं लगातार रोते हुए अपनी आपबीती सुनाती हुई कागजों को दिखाती रहीं और सभी से न्याय की गुहार लगाया। हालांकि उन्हें यह कहते हुए लौटाया गया कि निर्धारित समय में आए तो डीएम से मुलाकात हो जाएगी और उन्हें निश्चित तौर पर न्याय मिलेगा।

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