बीपी त्रिपाठी
गोण्डा। उत्तर प्रदेश में सत्तासीन योगी सरकार के एंटी भू माफिया कानून को धता बताते हुए भूमाफियाओं का आतंक थमने का नाम नही ले रहा है।
जिससे तहसील क्षेत्र कर्नलगंज में बेखौफ दबंगों का कहर बदस्तूर जारी है।
जबकि अभी हाल ही में कर्नलगंज में एक दबंग भूमाफिया किस्म के व्यक्ति के विरुद्ध काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया है जिसके बावजूद दबंगों पर अंकुश नहीं लग रहा है।।
मामला थाना कटराबाजार के ग्राम पहाड़ापुर स्थित वेशकीमती करोड़ों रुपयों की भूमि गाटा सं० 2109/16070 हे० व गाटा सं० 2452/ 3.9360 हे० से जुड़ा है,उक्त भूमि पर स्थानीय दबंगो द्वारा अवैध कब्जे की योजना बनाई जा रही है।
जबकि प्रश्नगत विवादित भूमि को निष्पक्ष व्यक्ति को सुपुर्दगी कर धारा 146 के तहत कुर्क की कार्यवाही भी उपजिलामजिस्ट्रेट द्वारा की गई है।
उक्त संबंध में दिनांक 22.11.2018 को उपजिलाधिकारी ने मामले के जांचोपरांत यह कहते हुए कि विवादित आराजी पर दावेदारी व कब्जेदारी को लेकर उभयपक्षों में काफी तनाव एवं शांतिभंग की प्रबल संभावना है और कोई भी संगीन अपराध की घटना घटित हो सकती है।
जिससे विवादित भूमि को लेकर उभयपक्षों में तनाव व शान्ति व्यवस्था के दृष्टिगत न्याय हित मे विवादित भूखंड को अंतर्गत धारा 146 (1) द०प्र० संहिता के तहत कुर्क किया जाना न्यायसंगत प्रतीत होना दर्शाते हुए थानाध्यक्ष कटरा बाजार को निर्देशित किया था कि विवादित भूमि को किसी निष्पक्ष व्यक्ति की सुपुर्दगी में देकर अनुपालन आख्या फर्द सुपुर्दगी नामा के साथ न्यायालय के समक्ष उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
आदेश के बावजूद भी स्थानीय पुलिस द्वारा विवादित भूमि को किसी के सुपुर्दगी में नही दिया गया। पीड़ित शिवकुमार पुत्र वंशगोपाल निवासी देवा पसिया थाना कटरा बाजार ने उपजिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया है कि उक्त करोड़ों की वेशकीमती भूमि पर दबंग अवैध कब्जा करने की योजना बनाते हुए निर्माण की फिराक में हैं।
पीड़ित ने धारा 146(1) के आदेश के क्रम में विपक्षीगण को विवादित भूमि पर अवैध कब्जा व निर्माण करने से रोकने की गुहार लगाई है। जिसमें उपजिलाधिकारी के द्वारा थानाध्यक्ष कटराबाजार को न्यायालय के 146 के आदेश के विरुद्ध कार्य करने वाले के विरुद्ध कार्रवाई करने का आदेश भी दिया गया है
जबकि उपजिलाधिकारी के आदेश के बाद भी स्थानीय पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। जिससे कटराबाजार पुलिस की निरंकुश कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है।
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