ये कारनामा थाने के रंगबाज सिपाही ने कर दिखाया जिसको ये भी नही पता की भारत में कानून का राज चलता है जोर जबरदस्ती का नही।
साहब ये पाकिस्तान नही हे ये हिन्दुस्तान है यहाँ कोर्ट के आदेश का पालन करवाना पड़ेगा अनुचित लाभ के चक्कर में न्यायालय के आदेश को ही दरकिनार कर दिया गया और सुलहनामा पर जबरदस्ती अंगूठा लगवा लिया गया।
पीड़ित रो रोकर न्याय की भीख माँगता रहा लेकिन नही पसीजे थाने के रंगबाज सिपाही व दरोगा।योगीसरकार के साख पर खुलेआम लगा रहे है बट्टा।
जहाँ पीड़ित को न्याय की जगह सिसकियाँ मिल रही है और दबंग हाबी हो गये है ये कोई कहानी नही है साहब ये है सनसनीखेज आरोप पीड़ित संतोष यादव का है जिसकी विवादित जमीन पुलिस ने दबंग भू माफियाओं के हवाले करदी और पीड़ित सिसकियां भरते हुए देखता रह गया।
बताते चले की तरबगंज थानाक्षेत्र के ग्रामपंचायत भैरमपुर के मजरा दुर्गापुर निवासी संतोष यादव ने थाना तरबगंज के रंगबाज सिपाही उमाप्रकाश पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा की साहब हमारा जमीनी विवाद है जिसका मुकदमा न्यायालय में बिचाराधीन और स्थगन आदेश भी न्यायालय ने देरखा है जिसपर विपक्षीगण नाजायज तरीके से कब्जा कर रहे थे ।
जिसकी शिकायत थाने पर की जहाँ थाने रंगबाज सिपाही उमाप्रकाश ने हमें अन्दर बन्द कर दिया और मारने लगे व गाली देने लगे और कहा की सुलह कर लो नही तो फर्जी मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दूँगा ।
जिसपर कहा साहब विवाद न्यायालय में चल रहा है हम कैसे सुलह करले ये सुनते ही उपरोक्त सिपाही आगबबूला होगया व मारने लगा जिससे मै डर गया जबरदस्ती सुलहनामा पर अंगुठा लगवा लिया और कहा हम कोर्ट का आदेश नही मानते है जबकि दबंग लोग बराबर जानमाल की धमकी देते रहते है।
क्या कहते है जिम्मेदार.
थानाध्यक्ष तरबगंज संतोष कुमार सरोज ने फिल्मी स्टाईल में बताया की जो गाँव के लोगो द्वारा पंचायत कर बताया गया है वही माना जायेगा।
अब सवाल ये उठरहा है क्या न्यायालय के आदेश का कोई मायने नही रह गया है।
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