श्याम त्रिपाठी
नवाबगंज (गोंडा) किसान देश का अगर अन्नदाता है तो व्यापारी देश का भाग्यविधाता हैं।देश की अर्थव्यवस्था व्यापारी से ही चलती है।
पूरे देश में एक लाख पच्चीस करोड़ रुपए व्यापारी सरकार को हर महीने जीएसटी देता है। लेकिन सरकार व्यापारी की समस्याओं पर ध्यान नहीं देती है।
व्यापारियों को किसानों की तरह एक जुट होकर मजबूती के साथ अपनीं मांगो के पक्ष लड़ाई लड़नें की जरूरत है ।
उक्त बातें नवाबगंज के नगर पालिका मैरिज हाल में अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के मंडलीय व्यापारी पंचायत में लोगों को संबोधित करते हुए संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप बंसल ने कही।
उन्होंने कहा कि व्यापारियों को अपनीं पहचान बनाए रखने की जरूरत है।हर व्यापारी अपनें नाम के आगे व्यापारी शब्द लगाए।
उन्होंने कहा कि व्यापारी सबसे अधिक टैक्स देने के साथ लोगो को रोजगार भी देता है।इस दौरान उन्होंने किसान बिल वापसी के बाद फिर से लगाए गए मंडी शुल्क को वापस लेने तथा बढाए गए जीएटी को कम करने की मांग सरकार से की।
उन्होंने मंहगाई के सबसे बड़े कारक डीजल पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की।उन्होंने कहा कि शिक्षकों की तरह व्यापारियों को विधान परिषद में सदस्य बनाया जाए ।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार व्यापारियों की मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो हमें भी किसानों की तरह आंदोलन करने पर बाध्य होना पड़ेगा।
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