वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़। भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर जयन्ती के अवसर पर राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने अम्बेडकर चौराहे पर पहुंच कर सर्व प्रथम उनकी मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर नमन किया इसके उपरान्त भारतीय जनता पार्टी कार्यालय टेऊंगा पर समरसता दिवस के रूप में आयोजित डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती पर प्रबुद्ध-जन संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र की अध्यक्षता व पवन गौतम के संचालन में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह मौजूद रहे।
इसके पूर्व भाजपा के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने शहर के अम्बेडकर चौराहे पर डॉ भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर याद किया।
इस मौके पर अतिथि सम्बोधन में राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि समता मूलक न्यायपूर्ण समाज बनाने और देश को प्रगतिशील संविधान देने की दिशा मे बाबा साहेब के योगदान कभी भुलाया नही जा सकता।
उन्होंने कहा डॉ साहब के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
डॉ अम्बेडकर एक प्रखर समाज सुधारक, अर्थशास्त्री और प्रभावशाली वक्ता होने के नाते, राजनीति विज्ञान, कानून और अर्थशास्त्र जैसे विभिन्न विषयों के विद्वान थे।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब का मानना था कि जीवन, लंबा नही बड़ा और महान होना चाहिए। बाबा डॉ अम्बेडकर का कथन था कि हम सबसे पहले मानव और अंत में एक भारतीय है।
इस दौरान राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने सरकार की विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला।
इस मौके पर जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि बाबा डॉ भीमराव अंबेडकर ने एक ऐसे भारत की कल्पना कि जहां सभी नागरिकों को कानून के तहत समान माना जाता है, साथ ही उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी के लिए अभियान चलाया।
इसलिए, उनके काम और एक बेहतर भारत बनाने की दिशा में किए गए योगदान को याद करने के लिए जंयती को समरसता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बाबा भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर पार्टी द्वारा बूथ स्तर तक कार्यक्रम का आयोजन कर उन्हें याद किया जा रहा है।
इस मौके पर प्रतापगढ़ विधायक राजेन्द्र मौर्य ने डॉ अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद करते हुए कहा कि भारत रत्न से सम्मानित बाबा साहब किसी एक धर्म या जाति के नही थे। उन्होंने हमेशा समाज को एक नई दिशा देने का काम किया है। उनका सपना एक नैतिक एवं जाति मुक्त समाज की रचना करना था।
प्रबुद्ध जन संगोष्ठी कार्यक्रम में राजेश सिंह, अशोक मिश्र, रामआसरे पाल, अशोक सरोज, गणेश नारायण मिश्र, ओम प्रकाश त्रिपाठी, अवधेश मिश्र, लाल बहादुर, बृजेन्द्र पाण्डेय, (मन्टू) पंकज मिश्रा जगदीश बहादुर सिंह, आशीष मौैर्या, धवल द्विवेदी, ज्ञानेन्द्र मिश्रा, शुभम तिवारी, भूपेन्द्र पाण्डेय, विनोद कुमार सिंह, विजय मिश्रा, अंशुमान सिंह, रूची केसरवानी, उमा शंकर पटेल, जगत पासी, शोहराब, विद्यासागर शुक्ल, शिवविलास उमर वैश्य, विक्रान्त सिंह, रामजी मिश्र, राघवेन्द्र शुक्ल, मृदुल गुप्ता, अभिषेक वैश्य, के साथ ही डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, शिक्षक सहित विभिन्न संगठनों/क्षेत्रों के प्रबुद्ध जन मौजूद रहे ।
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